पांवटा साहिब : होला मोहल्ला की अंतिम संध्या में सतिंदर सरताज ने बिखेरा सूफी जादू
पांवटा साहिब के होली मेले में गूंजे पंजाबी गीत
पांवटा साहिब : होला मोहल्ला के होली मेले की तीसरी और अंतिम सांस्कृतिक संध्या में सूफी गायक सतिंदर सरताज ने अपने गीतों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके सूफियाना अंदाज ने पंडाल में जादू बिखेरा।
शाम पांच बजे से ही पंडाल दर्शकों से खचाखच भर गया था। सतिंदर ने “सजन राजी हो जावे” से शुरुआत की। फिर “लावां इश्क दे अंबरी उडारियां” जैसे गीतों ने माहौल को रोमांचक बना दिया।
उनके धमाकेदार गानों पर दर्शकों ने जमकर तालियां बजाईं। पंजाबी रॉक बीट्स पर लोग अपनी सीट छोड़कर भांगड़ा करने लगे, सतिंदर का शायराना अंदाज सबके दिल को छू गया।
प्रोग्राम से पहले ही हजारों प्रशंसक पंडाल में जुट गए थे। गायक ने स्लो बीट्स से लेकर तेज संगीत तक पेश किया। उनके हर गीत ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
“कित्ते नी तेरा रुतबा घट दा” जैसे गीतों ने माहौल में चार चांद लगा दिए। छात्राओं ने हूटिंग कर अपने पसंदीदा सिंगर का हौसला बढ़ाया। साईं सॉन्ग आज भी लोगों की जुबान पर है।
सतिंदर सरताज की परफॉर्मेंस ने मेले को यादगार बना दिया। उनके चाहने वालों ने इस संध्या को खास बताया। पांवटा वासियों ने सूफी संगीत का भरपूर आनंद लिया।
होली मेले की यह सांस्कृतिक संध्या सतिंदर के नाम रही। उनके गीतों ने पंजाबी संस्कृति को जीवंत कर दिखाया, तो वहीं, दर्शकों ने इसे साल का सबसे शानदार आयोजन करार दिया है।