पैसों देने की चिक-चिक से मिला छुटकारा: HRTC बसें हुई कैश लैस! अब ई-टिकट मशीनों से यात्री दे रहे ऑनलाइन किराया
राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं राज्य के लोगों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है। हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा प्रदान करने और उनके सफर को आसान बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने हाल ही में निगम की बसों को कैश लैस कर दिया है।
पैसों देने की चिक-चिक से मिला छुटकारा: HRTC बसें हुई कैश लैस! अब ई-टिकट मशीनों से यात्री दे रहे ऑनलाइन किराया
एचआरटीसी की बसों में यात्रा करने वाले यात्री बसों में अब नकद किराए के स्थान पर ऑनलाइन भुगतान भी कर सकते है। राज्य सरकार की ओर से निगम की बसों में प्रदेश भर में शुरू की गई ऑनलाइन बस किराया भुगतान सुविधा को अब निगम के करसोग डिपों में भी लागू कर दिया गया हैं।
जिससे निगम की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को यात्रा के दौरान बस किराये की अदायगी करना आसान होने के साथ-साथ, बकाया राशि वापस लेने या फिर खुले पैसों देने की चिक-चिक से भी छुटकारा मिला है। ऑनलाइन बस किराया भुगतान सुविधा के लिए एचआरटीसी की ओर से करसोग डिपो को लगभग 50 ई-टिकट मशीनें उपलब्ध करवाई गई है। जिनमें क्यूआर कोड स्कैन कर ऑनलाइन किराया भुगतान करने की सुविधा उपलब्ध है।
परिचालकों ने इन मशीनों का प्रयोग करना शुरू भी कर दिया है। इन मशीनों से यात्रियों को कैशलेस भुगतान की सुविधा मिलने लगी है। अब निगम की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को अपने साथ पैसे लेकर चलने की आवश्यकता भी नहीं है। ई-टिकट मशीन पूर्ण रूप से एंड्रायड बेस्ड मशीन है, जो आईटीएमएस (इंटेलिजेंट टिकट मशीन सिस्टम) प्रणाली पर आधारित है।
इस मशीन में एक सिम कार्ड पोर्ट दिया गया जिसमें सिम लगाकर मशीन को इंटरनेट से कनेक्ट किया जाता है। इंटरनेट से कनेक्ट होने के बाद मशीन कैशलेस प्रणाली से किए गए भुगतान को स्वीकार करना शुरू कर देती है। यह मशीनें तेज प्रोसेसिंग के साथ ही अधिक मेमोरी से लैस है जो यात्रियों के लिए ऑनलाइन और कैशलेस भुगतान को और ज्यादा सुविधाजनक बनाती है।
बस अड्डा करसोग से विभिन्न रूटों पर चलने वाली लगभग 40 बसों को ई-टिकट मशीनों से लैस किया जा रहा है। पहले चरण में एचआरटीसी के परिचालकों द्वारा लगभग 20 बसों में ई-टिकट मशीनों से टिकट काटे जा रहे है। निगम की बसों में यात्रा करने वाले यात्री इन मशीनें में यूपीआई, कार्ड स्वाइप, गूगल-पे, फोन-पे इत्यादी से कैशलेस किराये का भुगतान कर सुविधा का लाभ उठा रहे है।
जिसके लिए उसे ई-टिकट मशीन में क्यू आर कोड को स्कैन करने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। निगम की बसों में यह सुविधा मिलने से यात्री अपने बस किराए का भुगतान आसानी से कर पा रहे है। बस में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए बस किराया वहन करने का यह तरीका अधिक सुविधाजनक और संतोषजनक है। एचआरटीसी प्रबंधन द्वारा ई टिकट मशीनों की अधिक से अधिक प्रयोग करने और लोगों को ऑनलाइन भुगतान से जोड़ने के लिए निगम के परिचालकों को उपहार देने का भी प्रावधान है।
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यात्रा के दौरान अपने निर्धारित बस रूट पर जो परिचालक जितना अधिक बस किराया ऑनलाइन हासिल करेगा उसे साल के अंत में एचआरटीसी प्रबंधन की तरफ से इनाम और गिफ्ट हैंपर इत्यादि प्रदान किए जाएंगे। यह प्रोत्साहन सुविधा परिचालकों को एक अप्रैल, 2024 से 31 दिसंबर, 2024 तक प्रदान की जाएगी। परिचालकों को प्रथम पुरस्कार के रूप में 5 हजार रुपए मूल्य का एक जूसर मिक्सर ग्राइंडर, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 3 हजार रुपए की मूल्य का इंडक्शन या प्रेसर कुकर, तृतीय पुरस्कर के रूप में 2 हजार रुपए मूल्य तक का ट्राॅली बार अथवा सिलिंग फैन प्रदान किया जाना है।
निगम के करसोग स्थित बस अड्डा से यात्रा करने वाले यात्री ई-टिकट मशीनों के माध्यम से कैशलेस भुगतान की सुविधा मिलने से बहुत खुश है। यात्री राजकुमार, घनश्याम, परस राम, युवराज इत्यादी ने बताया कि पहले उन्हें अपने साथ पैसे लेकर चलना पड़ता था और कई बार यदि उनके पास छूटे पैसे नहीं होते थे, तो उन्हे बस किराया वहन करने में काफी परेशानी उठानी पड़ती थी।
बसों में किराया देते समय या बस किराया देने के पश्चात बचे हुए पैसे वापस लेने के लिए भी छुट्टे पैसे नहीं होने की समस्या से दो चार होना पड़ता था लेकिन अब निगम की बसों में ई-टिकट मशीनों के माध्यम से कैशलेस भुगतान की सुविधा शुरू होने के बाद इस समस्या से छुटकारा मिला है। निगम की बसों में शुरू की गई कैशलेस व्यवस्था से विशेषकर युवा वर्ग काफी उत्साहित है।
क्षेत्रीय प्रबंधक करसोग डिपो हुमेश कुमार ने बताया कि क्षेत्र के लोगों को निगम की बसों में बेहतरीन सुविधाएं देने के भरपूर प्रयास किए जा रहे है। बस अड्डा करसोग से विभिन्न रूटों पर चलने वाली लगभग 50 बसों में ई-टिकट मशीनों के माध्यम से कैशलेस भुगतान की सुविधा को शुरू किया गया है, जिसका लाभ इन बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को मिलना शुरू हो गया है।
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