बेसहारा व्यक्तियों के लिये रैन बसेरा बना संजीवनी
जिला के शहरी क्षेत्रों में प्राय कोई न कोई ऐसा अजनवी व्यक्ति दिख जाता है जो या तो आश्रय की तलाश में हो या फिर भोजन की। ऐसे निराश्रित व्यक्ति के लिये अत्यधिक ठंड अथवा अत्यधिक गर्मी से यदा-कदा जान पर बन आती है।
वर्तमान सरकार ने बागडोर संभालते ही मानवीय संवेदना से जुड़ी इस बात पर सबसे पहले गौर किया कि बहुमूल्य जीवन सड़कों के किनारे बिना आश्रय के ठंड अथवा भूख से काल का ग्रास नहीं बनना चाहिए।
जिला प्रशासन तुरंत से हरकत में आया और निराश्रित व्यक्तियों को शैलटर होम तक पहुंचाकर न केवल उन्हें रात्रि ठहराव बल्कि भोजन की भी उपयुक्त व्यवस्था की जा रही है।
उपायुक्त आरके गौतम के अनुसार जिला सिरमौर में शहरी विकास विभाग द्वारा संचालित सभी रैन बसेरों में निराश्रितों व बेसहारा व्यक्तियों के लिये रात्रि ठहराव की उपयुक्त व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि रैन बसेरों में निराश्रितों को आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से उपमण्डल स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में निगरानी समितियों का गठन किया गया है और जिला में ये समितियां सक्रिय तौर पर कार्य कर रही हैं।
एसडीएम अपने संबंधित उपमण्डल मुख्यालयों में रात्रि के समय पुलिस के साथ गश्त करके ऐसे बेसहारा व्यक्तियों को पता लगाकर उन्हें आश्रय प्रदान कर रहे हैं।
पांवटा साहिब में सर्दियों के दौरान अभी तक 40 से अधिक लोगों को शैल्टर होम तक पहुंचाकर उनके रात्रि ठहराव व भोजन की समुचित व्यवस्था की गई।
घने कोहरे के कारण अत्यधिक ठंड से इन लोगों को जीवन सुरक्षा मिली जिसके लिये निराश्रित लोगों ने प्रदेश सरकार का आभार भी व्यक्त किया।
डीसी बताते हैं कि पांवटा साहिब के रैन बसेरा में किसी भी बेसहारा व्यक्ति को रात को ठहरने की पूर्ण व्यवस्था है। रैन बसेरा भवन के प्रथम तल पर एक हॉल में 20 बिस्तर लगे हैं जिनमें रजाई, तलाई, कंबल इत्यादि की उपयुक्त व्यवस्था है।
रैन बसेरा में कोई भी बेसहारा अथवा निराश्रित व्यक्ति सुविधाजनक रात्रि गुजार सकता है। इसी भवन के धरातल में चार और कमरों की मुरम्मत का कार्य भी किया गया है जिससे रैन बसेरा की क्षमता काफी अधिक बढ़ चुकी है।
इसी प्रकार जिला के अन्य उपमण्डलों में भी स्थानीय नगर निकायों द्वारा संचालित रैन बसेरों में निराश्रित लोगों को आश्रय प्रदान किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसे व्यक्तियों को आश्रय प्रदान करने के निर्देश डीसी ने जारी किये हैं। इस बावत प्रचार प्रसार समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार किया जा रहा है।
उपायुक्त ने आम जनमानस से भी अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति सड़क किनारे अथवा अन्य किसी स्थान पर निराश्रित पाया जाता है, तो उसे तुरंत से रैन बसेरा तक पहुंचाने में मदद करें अथवा इस संबंध में टॉल फ्री नम्बर 112 व 1077 पर सूचित किया जाए।