महिमा पुंडीर ने किया गिरीपार का नाम रोशन! बेंगलुरु में आयोजित होने महिला इंडिया नेशनल हॉकी कैंप में हुआ चयन
गिरिपार की बेटी महिमा पुंडीर एवं होनाहर खिलाडी ने अपने खेल करियर में सदैव डट कर मेहनत की है, जिंदगी में बहुत से उतार चड़ाव होने के बावजूद भी आपने मकसद को पूरा करने के लिए दिलों जान से मेहनत भी की है।
महिमा पुंडीर ने एक बार नही कई बार खूब अच्छा खेल दिखाया, नतीजन छोटी उम्र मे ही सीनियर महिला इंडिया नेशनल हॉकी कैंप को चयन हुआ।
वो कहते है कि ना यदि दृड़ संकल्प व इच्छा शक्ति से जीवन में मेहनत की जाये तो सफलता अवश्य मिलती है, लेकिन कठिन परिश्रम के बाद मंजिल नही मिल पाने पर कई बार कदम डगमगाने लगते है।
ऐसे में अपनों का संबल व प्रोत्साहन करियर में पूरी कायापलट कर देते है, ऐसा ही कुछ हिमाचल की खिलाड़ी महिमा पुंडीर के करियर में भी हो रहा है।
23 मार्च से शुरु होने जा रहे सीनियर नेशनल कैंप के लिए हुआ चयन
पत्रकारो से खास बातचीत में महिमा पुंडीर ने बताया कि हॉकी खेल करियर में खूब मेहनत की है। लेकिन, 2024 में महाराष्ट्र के पूणे में हुए नेशनल हाकी में बेहतर प्रदर्शन किया था।
इंडिया कैंप मे चयन की पूरी उम्मीद थी, चयन नही होने से मन हताश हो पर एक बार तो हॉकी छोडऩे की बात मन में आई, जिसकी चर्चा अपनी बड़ी बहन निजी स्कूल मे शारीरिक शिक्षिका कमलेश तोमर व जिला कबड्डी से संघ महासचिव ग्यार सिंह नेगी ने गाइड किया।
अन्य बहनों रेखा, शालू, सीमा व मोक्षिका ने कभी भी जीवन में हार नही मानने को प्रेरित किया। पूरे परिवार ने महिमा को देश की बेहतरीन मध्य प्रदेश हॉकी अकादमी ग्वालियर ज्वाईन करवाया। इसके बाद खेल की बेहतरीन बारिकियां सीखने के साथ और बेहतर प्रदर्शन करने का उत्साह मन में बढ़ गया और फिर सफलता लगातार कदम चूमने लगी।
हिम्मत व मेहनत का सुखद परिणाम ये रहा कि बेहतर खेल के दम पर पंजाब के अमृतसर में आल इंडिया यूनिवर्सिटी में आईटीएम यूनिवर्सिटी मध्य प्रदेश की तरफ से खेलते हुए रजत पदक जीता।
यूनिवर्सीटी खेलों इंडिया चयन के बाद अब नेशनल कैंप को चयन हो गया। इंडिया कैंप के लिए चयन का श्रेय कोच चंद्रशेखर, परमजीत बरार, अजीत सर व पंकज तथा बहनों व परिजनों के सहयोग को जाता है।
* ऐसे शुरू हुआ हॉकी खेल का सफर”
– गिरिपार के ग्राम दुगाना निवासी महिमा पुंडीर कक्षा 8वीं से 12वीं तक हॉकी छात्रावास माजरा से खेलती रही। बतौर गोल कीपर महिमा 9 बार नेशनल हॉकी खेली है। शानदार खेल के दम पर वर्ष 2019 में प्रथम महिला इंडिया कैम्प लगाया।
कोरोना का चलते बीच में प्रतियोगिता व खेल प्रभावित होता रहा। लेकिन, होनहार खिलाड़ी ने खेल जारी रखा। 2020 से 2022 में चंडीगढ में अभ्यास जारी रखा। इस दौरान वर्ष 2020 में केरला में नेशनल हॉकी, 2021 में यूपी के झांसी में, 2022 में मध्य प्रदेश के भोपाल, 2023 में आंध्रप्रदेश के काकीनंदा तथा 2024 में महाराष्ट्र पुणे में नेशनल हॉकी प्रतियोगिता में भाग ले चुकी है।
* गिरिपार् की बेटी ने मेहनत के दम पर ऐसे चूमें सफलता ने कदम*
– गोल कीपर महिमा ने कहा की गलती करने पर आज भी अपने कोच की डांट याद है। लेकिन जीवन मर आगे बढ़ना है तो अपने कोच, गुरुजनो व अग्रजो का मान समान व इज्जत दिल से करें।
21 से 26 फरवरी 2025 में पंजाब के अमृतसर में आल इंडिया यूनिवर्सिटी में आईटीएम यूनिवर्सिटी मध्य प्रदेश की तरफ से खेलते हुए रजत पदक जीता। खेलों इंडिया यूनिवर्सिटी में भी चयन हो चुका है।
इसके बाद एक से 12 मार्च तक चली नेशनल हॉकी में हिमाचल महिला हॉकी टीम कप्तान प्रतिनिधित्व किया। हरियाणा पंचकुला में हुई 15वीं सीनियर नेशनल हॉकी में बेहतर प्रदर्शन के चलते बंगलुरु में 23 से 30 मार्च तक चलने वाले सीनियर महिला इंडिया नेशनल हॉकी कैंप के लिए चयन हुआ है।
खास बात ये है की महिमा हिमाचल प्रदेश की अब तक के इतिहास की एकमात्र ऐसी गोल कीपर खिलाडी है, जिसका चयन सीनियर महिला इंडिया नेशनल हॉकी कैंप को हुआ है।