मां-बेटे के मिलन का प्रतीक अंतरराष्ट्रीय मेला श्री रेणुका जी शुरू
-सीएम जयराम ने किया शुभारंभ, भगवान परशुराम की पालकी को दिया कंधा
-शोभा यात्रा के साथ हुआ 6 दिवसीय मेले का आगाज
-माता रेणुका व परशुराम के जयकारों से गूंज उठी रेणुका घाटी
-पारम्परिक वाद्य यंत्रों ने बढ़ाई मेले की शोभा
-सीएम ने दी रेणुका मेले की शुभकामनाएं
मां-बेटे के मिलन का प्रतीक अंतरराष्ट्रीय
श्री रेणुका जी मेले का आज विधिवत आगाज हो गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मेले का शुभारंभ कर प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय मेले की बधाई दी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ददाहू खेल मैदान में देवपूजन करने के बाद भगवान परशुराम की पालकी को कंधा दिया और विधिवत शोभायात्रा का शुभारंभ किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ उनकी धर्मपत्नी साधना ठाकुर भी मौजूद रही। शोभायात्रा के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मेले का शुभारंभ हो गया।
शोभा यात्रा दोपहर बाद करीब तीन बजे स्थानीय खेल मैदान से शुरू होकर ददाहू बाजार, गिरिपुल, बड़ोन, देवशिला व मेला मैदान से होते हुए शाम ढलने से पूर्व रेणुकाजी तीर्थ के त्रिवेणी संगम पर पहुंचेगी, जहां देवताओं का पारंपरिक मिलन होगा।
इस मिलन को नजदीक से निहारने व इस पावन पलों के साक्षी बनने के लिए हजारों श्रद्धालुओं का हुजूम मेले में उमड़ पड़ा है। प्राकृतिक लोक वाद्य यंत्रों, शंख, घंटियाल, ढोल-नगाड़ों, बैंड बाजे के साथ निकाली गई।
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मेले हमारी समृद्ध संस्कृति के परिचायक है। रेणुका मेला हिमाचल के प्रसिद्ध मेलों में से एक है।
उन्होंने प्रदेश व जिलावासियों को मेले की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि धीरे प्रदेश कोविड काल से निकल रहा है और मां रेणुका से प्रार्थना करेंगे कि जल्द प्रदेश कोविड के दौर से बाहर निकले, ताकि प्रदेश पुनः तरक्की की राह पर बढ़ सके।
बता दें कि हर साल मुख्यमंत्री ही देव पालकी को कंधा देकर शोभायात्रा का शुभारंभ करते हैं। यही परंपरा कई दशकों से चली आ रही है।
शोभा यात्रा के दौरान पूरी रेणुका घाटी माता रेणुका जी और भगवान परशुराम के जयकारों से गूंज उठी।
लोगों ने ढोल नगाड़े की धुनों पर माता रेणुका और भगवान परशुराम के जयकारे लगाए। इस दौरान पारंपरिक वाद्य यंत्र लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे।