मोबाइल सिग्नल ना होने से कोटगा के दो दर्जन परिवारों के युवाओं ने किया पलायन
4G से 5G की ओर बढ़ने की बातें जियो और एयरटेल कर रहा है लेकिन धरातल पर आज भी लोग मोबाइल सिग्नल के लिए तरस रहे हैं। ऐसा ही ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पोका पंचायत के कोटगा गांव का है जहां पर टावर की सुविधा ना होने की वजह से कई परिवारों के मोबाइल शोपीस बन गए हैं।
एयरटेल आइडिया और जिओ कंपनियां बड़ी-बड़ी बातें कर रही है लेकिन धरातल पर इनकी सारी बातें बोनी साबित हो रही है। दरअसल कोटगा गांव के साथ लगते भीतरकुई, बाहराक्षेत्र, तिललानदो आदि कस्बों में मोबाइल सिंगल अपना दम तोड़ चुके हैं।
जिसके चलते यहां के कई परिवारों के लिए मोबाइल सिर्फ टॉर्च जलाने के काम आ रहे हैं। वहीं स्थानीय युवकों व नवयुवक मंडल कोटगा ने बताया कि इस समस्या को लेकर पिछले 2 वर्षों से लगातार स्थानीय विधायक व प्रशासन को लिखित रूप में शिकायत दे चुके हैं। लेकिन समस्याएं आज तक जस की तस बनी हुई।
नवयुवक मंडल के प्रधान नवीन शर्मा ने बताया कि इस विषय को लेकर पूर्व विधायक बलदेव तोमर, डीसी सिरमौर, जिला परिषद सदस्य व शिमला टेलीकॉम तक इस समस्या को लेकर पत्राचार किए गए हैं। लेकिन झूठे आश्वासन मिल रहे हैं जिसकी वजह से क्षेत्र के लोगों को यह परेशानियां झेलनी पड़ रही है।
स्थानीय ग्रामीण हिमांशु शर्मा, संधि देवी ने बताया कि आज भी गांव के लोग मोबाइल से बात करने के लिए लगभग 1 किमी दूर जाकर सिंगल ढूंढते हैं और फिर हालचाल पूछा जाता है, वही 2G 3G 5G की बात की जाए तो इसके सिग्नल तो गांव के लोगों के लिए तड़पना पड़ता है। इंटरनेट की सुविधाएं शिक्षाओं के लोग बिल्कुल महरूम है।
नवीन शर्मा ने स्पष्ट तौर पर कहा कि गांव में सिग्नल ना होने की वजह से गांव के लगभग 20 से 25 परिवारों ने अपने बच्चों का पलायन शहरों की ओर कर दिया है, ताकि बच्चे सही ढंग से पढ़ सके ऐसे ही हालात रहे तो आने वाले समय में पूरा गांव खाली हो सकता है।