यहां नदी पर पुल न होने से ट्रैक्टर का लिया सहारा, तब हुआ अंतिम संस्कार
लोक निर्माण विभाग के पांवटा साहिब डिवीजन के तहत फतेहपुर पंचायत में अंतिम यात्रा भी सुखकारी नहीं नहीं है, क्योंकि बाता नदी पर पुल के अभाव में अंतिम शव यात्रा में परिजनों व ग्रामीणों को ट्रेक्टरों का सहारा लेना पड़ा। ऐसे में ग्रामीणों ने कारवां नेताओं के प्रति खासी नाराजगी जाहिर की।
दरअसल हाल ही में पांवटा साहिब से नाहन विधानसभा क्षेत्र में शामिल हुई फतेहपुर पंचायत के अंतर्गत फतेहपुर-गुलाबगढ़ संपर्क मार्ग पर बरसों से ग्रामीण पुल बनाने की मांग कर रहे है, लेकिन अब तक कुछ नहीं बना। समस्या उस वक्त एक बार फिर विकराल होती दिखी, जब क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों व ग्रामीणों को शव सहित ट्रेक्टरों में बैठकर नदी को पार करना पड़ा। तस्वीरों में साफ देख सकते है कि किस तरह से दर्जनों ग्रामीण ट्रेक्टरों में बैठकर नदी को पार कर रहे है और उसके बाद कहीं जाकर नदी के दूसरे छोर पर अंतिम संस्कार कर रहे है। हालांकि बरसात के मौसम में स्थिति और गंभीर हो जाती है और यहां कई हादसे भी हो चुके है।
अंतिम संस्कार में शामिल होने आए ग्रामीण हेमराज सहित अन्यों ने बताया कि दशकों से यहां के लोग बाता नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे है, लेकिन अब तक कुछ नहीं बना। अलग-अलग दलों की सरकारें बनती गई और जाती गई, लेकिन पुल की मांग पूरी नहीं हुई।
चुनाव के दौरान भी वोट मांगने के लिए नेता आते है और आश्वसन देकर चले जाते है। मगर मांग अब भी जस की तस है। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द यहां पुल का निर्माण करने की मांग की है।
इस मामले में लोक निर्माण विभाग के अनुसार संबंधित पुल 15.95 करोड़ की लागत से सीआरएफ के तहत प्रस्तावित है, जोकि विधायक प्राथमिकता में शामिल है और मुख्यमंत्री द्वारा भी सतीवाला प्रवास के दौरान इस पुल निर्माण को प्राथमिकता के तौर पर लेने की घोषणा की थी।