राज्यपाल ने देव पालकियों को किया विदा, अंतरराष्ट्रीय मेला श्री रेणुका संपन्न
मां-बेटे के मिलन के प्रतीक 6 दिवसीय मेले का राज्यपाल ने किया समापन
मां रेणुका से अगले वर्ष फिर मिलने का वायदा कर अपने धाम वापिस जामूकोटि लौटे भगवान परशुराम
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दी अंतरराष्ट्रीय मेला रेणुका की बधाई
मां श्री रेणुका जी व उनके बेटे भगवान परशुराम के मिलन का प्रतीक अंतरराष्ट्रीय मेला श्री रेणुका जी आज शुक्रवार को संपन्न हो गया।
महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने प्राचीन परशुराम देवठी ने भगवान परशुराम सहित अन्य देव पालकियों को कंधा देकर अपने-अपने देवस्थलों के लिए रवाना किया।
इसी के साथ भगवान परशुराम अपनी मां श्री रेणुका जी को फिर अगले वर्ष मिलने का वायदा कर अपने धाम जामूकोटि की ओर रवाना हो गए और इसी के साथ 6 दिनों तक चले अंतरराष्ट्रीय मेला श्री रेणुका जी का समापन भी हो गया।
इससे पूर्व राज्यपाल ने मां श्री रेणुका जी व भगवान परशुराम के मंदिर में पूजा अर्चना कर शीश नवाया।
देव पालकियों को रवाना करने के अवसर पर मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने प्रदेश सहित जिलावासियों को अंतरराष्ट्रीय मेला श्री रेणुका जी की बधाई दी।
उन्होंने कहा कि आज यह उनके लिए सौभाग्य का अवसर है कि इन्हें माता रेणुका जी व भगवान परशुराम के दर्शन करने का मौका मिला।
राज्यपाल ने बताया कि मां-बेटे के इस मिलन के प्रतीक मेले के अवसर पर माता रेणुका व भगवान परशुराम से प्रदेश के लोगों की सुख समृद्धि की कामना है और प्रदेश निरंतर प्रगति की राह पर आगे बढ़े।
कुल मिलाकर एक ओर जहां भगवान परशुराम साल में एक बार अपनी माता श्री रेणुका जी से मिलने यहां पहुंचते है, तो वहीं दूर-दूर से आए श्रद्धालु इस मां-बेटे के मिलन के प्रतीक मेले के गवाह बनते है। साथ ही पवित्र श्री रेणुका जी झील में डुबकी लगाकर मनोकामना मांगते है।