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साइबर क्राइम मामले में हैकर गिरोह के 3 शातिर दबोचे, ऐसे होता था काम

साइबर क्राइम मामले में हैकर गिरोह के 3 शातिर दबोचे, ऐसे होता था काम
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साइबर क्राइम मामले में हैकर गिरोह के 3 शातिर दबोचे, ऐसे होता था काम

डार्क वेब पर ऑनलाइन एग्जाम पास करवाने का देते थे झांसा

डार्क वेब पर अब ऑनलाइन एग्जाम में सिस्टम हैक कर चीटिंग कराने वाले गिरोह भी एक्टिव हो गए है। ये गिरोह ऑनलाइन एग्जाम को 100 % पास कराने का दावा करते हैं।

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दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक ऐसे गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो ऑनलाइन एग्जाम के लिए कैंडिडेट से पैसा लेकर एग्जाम में नकल करवाते थे।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस गिरोह ने ऑनलाइन वेबसाइट डार्क वेब पर अपना हैकिंग से जुड़ा प्रोफाइल डाला हुआ था।

ऐसे होता था काम

दिल्ली पुलिस के अनुसार डार्क वेब का सर्वर विदेश में है और अब इस लगाम लगाना पुलिस के लिए संभव नहीं है। इसी का फायदा उठाते हुए इस गैंग ने ऑनलाइन एग्जाम, सिस्टम हैक कर पास कराने का अपना विज्ञापन डार्क वेब पर डाला था।

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यही पर छात्र इनसे वीओआईपी कालिंग के जरिये संपर्क करते और फिर पैसों की बात होने पर टेक्नो फ़्रेंडली ये गैंग एक्सपर्ट की मदद से ऑनलाइन एग्जाम पास करवाता था।

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ये साइबर गिरोह कैंडीडेट के सिस्टम में एक सॉफ्टवेयर इंस्टाल कर उसे हैक कर लेते है। फिर कही दूर बैठे एक्सपर्ट से उनका एग्जाम दिलाते हैं।

पुलिस ने गुजरात में अपना कोचिंग इंस्टिट्यूट चलाने वाले बाप बेटे दीप शाह और राजेश शाह को अहमदाबाद से तो वही दिल्ली के जामिया इलाके में रहने वाले मोहम्मद अखलाख आलम को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक अखलाख ही इन छात्रों का ऑनलाइन एग्जाम देता था।

यह ही डार्क वेब का सच

डार्क वेब एक ऐसी दुनिया है जहां हर वो जुर्म होता है जिससे आपकी रूह कांप जाए। जहां एक क्लिक पर किसी को भी ड्रग्स और हथियार मिल सकता है। यहां लाइव मर्डर भी होते हैं।

वहीं, बीते कुछ समय में डार्क वेब एक ऐसा बाजार बन गया है, जहां आपको धोखाधड़ी और फोर्जरी के विज्ञापन मिलेंगे।

डार्क वेब पर कई गैरकानूनी गतिविधियां होती हैं। पुलिस को रिलायबल सोर्सेस से डार्क वेब पर इनकी मौजूदगी का पता चला था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक डैकोय कस्टमर के जरिए इनसे संपर्क किया।

यह गिरोह इतना शातिर था कि इनसे संपर्क सिर्फ वीओआईपी कॉलिंग के जरिए होता था। वीओआईपी कॉलिंग को भी एजेंसी को पकड़ना बेहद मुश्किल होता है। यह कॉलिंग भी इंटरनेट के जरिए ही की जाती है।

इस गैंग से संपर्क होने के बाद दिल्ली पुलिस ने एक ऑनलाइन एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया। इसके बाद इन्होंने उस डैकोय कस्टमर के कंप्यूटर में एक खास सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया और फिर उसे हैक कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।

गिरोह आईटी कंपनीज से जुड़े ऑनलाइन एग्जाम में मदद करते थे

दिल्ली पुलिस के मुताबिक यह गिरोह आईटी कंपनीज से जुड़े ऑनलाइन एग्जाम में मदद करते थे. यह एग्जाम आईटी सेक्टर में स्पेशलिटी हासिल करने के लिए छात्र दिया करते थे।

इन सर्टिफिकेट से इन्हें आगे अपनी कंपनी में तरक्की और नौकरी मिलने में मदद होती थी। यह गिरोह अब तक 200 से ज्यादा छात्रों की पैसा लेकर सर्टिफिकेट दिलाने में मदद कर चुका है

Written by Newsghat Desk

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