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सिरमौरी लाल ने बढ़ाया देवभूमि का मान, देश भर में हासिल की ये बड़ी कामयाबी

सिरमौरी लाल ने बढ़ाया देवभूमि का मान, देश भर में हासिल की ये बड़ी कामयाबी

सिरमौरी लाल ने बढ़ाया देवभूमि का मान, देश भर में हासिल की ये बड़ी कामयाबी

जिला के शचिन्द्र नाथ शर्मा का इसरो में चयन

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सिरमौर के एक होनहार बेटे ने देश भर में देव भूमि हिमाचल प्रदेश का मान बढ़ाया है। यह बेटा इसरो में वैज्ञानिक बना है और राष्ट्रीय स्तर पर देश भर में 25वां रैंक हासिल किया है। लिहाजा सिरमौर जिला के साथ-साथ बेटे के गांव में भी खुशी का माहौल है।

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दरअसल होनहार बीरवान के होत चिकने पात।यह कहावत शचिन्द्र नाथ शर्मा पर खरी उतरती है, जिन्होने कड़ी मेहनत से वैज्ञानिक बनकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में जाने का सपना पूरा किया है। राष्ट्रीय स्तर की इस कठिन परीक्षा में शचिन्द्र नाथ शर्मा ने देश भर में 25वां रेंक हासिल किया है। इनके इसरो में चयन होने पर समूचे राजगढ़ क्षेत्र में खुशी का माहौल है और उनके माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों को बधाई देने वालों का तांता लग रहा है।

बता दें कि 26 वर्षीय शचिन्द्र नाथ शर्मा मूलतः राजगढ़ के पालू गांव से संबध रखते हैं। इन्होने 9वीं कक्षा तक की शिक्षा सुन्दरनगर में ग्रहण की, क्योंकि इनके पिता यतिन्द्र नाथ शर्मा उन दिनों राजकीय पॉलटेकनिक कॉलेज में सेवारत थे और आजकल पॉलटेकनिक कॉलेज धौलाकुंआ में ऑटोमोबाईल विषय के प्रमुख है। इसके उपंरात शचिन्द्र ने दसवी की पढ़ाई केबी डीएवी स्कूल चंडीगढ़ में की और 96 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।

इसी प्रकार जमा दो तक भी पढ़ाई भी चंडीगढ़ में ही की। इसके उपरांत इनका द्वारा जेईई की मेन परीक्षा पास की और इनका चयन पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ में हुआ, जहां पर इनके द्वारा बीटेक की गई।
शचिन्द्र शर्मा ने बताया कि बीटेक करने के उपरांत उन्हें वर्ष 2018 में हीरो मोटर कॉरप में नौकरी मिल गई, परंतु वह इसरो में वैज्ञानिक बनना चाहते थे।

सात महीने उपरांत इन्होने नौकरी छोड़ दी और घर पर ही इसरो में वैज्ञानिक बनने की तैयारी में जुट गए। जनवरी 2020 में इनके द्वारा इसरो के लिए आयोजित प्रतियोगिता में भाग लिया, परंतु कोरोना काल के चलतेे परिणाम आने में विलंब हो गया और इन्होने देश भर में 25वां स्थान प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में देश भर के असंख्य युवाओं ने भाग लिया था।

इनका कहना है कि उनके पिता उन्हें सिविल सर्विस के लिए प्रेरित कर रहे थे, परंतु उनका सपना देश का एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक बनना था। उन्होने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और गुरूजनों को दिया है, जिनके आर्शिवाद से उन्होने यह मुकाम हासिल किया है। पझौता स्वतंत्रता सैनानी कल्याण समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश और पूर्व जिप सदस्य शकुंतला प्रकाश ने शचिन्द्र नाथ को बधाई देते हुए कहा कि इसरो में जाने वाले राजगढ़ क्षेत्र के पहले युवा है, जिन्होने देश, प्रदेश और विशेषकर राजगढ़ क्षेत्र का नाम रोशन किया है।

इन्होने बताया कि पालु गांव के इसी परिवार की दो बेटियां अनुष्का और मनस्वी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। इसी प्रकार इस गांव से निशांत शर्मा खंड विकास अधिकारी के अतिरिक्त दो बेटियां पूनम और आभा पपरोला में आयुर्वेदाचयार्य कर रही है। इसी गांव की बेटी रंजना शर्मा कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है ।

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