सिरमौर में नही थमे बाल विवाह, 8 महीने में 21 मामले आए सामने
जिले के इन 3 उपमंडलों से ही अधिकतर मामले, कुछ पोक्सो एक्ट में हुए तब्दील
चाइल्ड लाइन सिरमौर के समन्वयक सुमित्रा शर्मा ने पत्रकारवार्ता में सांझा की जानकारी
कहा-शिलाई, संगड़ाह व पांवटा साहिब उपमंडलों से आते है अधिकतर मामले
पिछले साल जिला में 46 मामले बाल विवाह के आए थे सामने
सिरमौर जिला में बाल विवाह के मामले फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहे है। हालांकि इस साल इन मामलों का ग्राफ थोड़ा कम जरूर हुआ है।
अप्रैल माह से अब तक जिला में बाल विवाह के 21 मामले चाइल्ड लाइन सिरमौर के पास पहुंचे है, जिनमें से कुछ मामले पोस्को एक्ट में तब्दील हुए है।
यह जानकारी चाइल्ड लाइन सिरमौर की समन्वयक सुमित्रा शर्मा ने पूछे एक सवाल के जवाब में दी।
जिला समन्वयक सुमित्रा शर्मा 14 नवंबर से शुरू हुए चाइल्ड लाइन से दोस्ती सप्ताह के तहत आयोजित हो रहे विभिन्न कार्यक्रमों की कड़ी में शनिवार को नाहन में मीडिया को संबोधित कर रही थी।
मीडिया से बात करते हुए चाइल्ड लाइन की जिला समन्वयक सुमित्रा शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ सालों में जिला के गिरीपार क्षेत्र से बाल विवाह के मामलों में अधिक सामने आते है, लेकिन इस साल इन मामलों का ग्राफ थोड़ा कम हुआ है।
उन्होंने बताया कि इस साल रिकॉर्ड के मुताबिक अप्रैल माह से अब तक जिला में बाल विवाह के 21 मामले सामने आए है, जिनमें से कुछ पोस्को एक्ट में तब्दील हो गए।
जबकि एक मामले में लड़की की उम्र 18 वर्ष से ऊपर पाई गई है। लिहाजा जिला में इस साल 20 मामले ही बाल विवाह के पाए गए है।
जिला समन्वयक ने बताया कि सिरमौर जिला के संगड़ाह, शिलाई व पांवटा साहिब से ही अधिकतर बाल विवाह के मामले सामने आते है।
उन्होंने कहा कि हालांकि बाल विवाह के मामलों में कुछ कमी आई है, जिसका एक बड़ा कारण पुलिस का सहयोग रहा है।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि इस तरह की शिकायतों को तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दर्ज करवाएं।