सीएम सुक्खू बनाम जयराम: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में उथल पुथल! मुख्यमंत्री के बयान से बवाल! देखें क्या बोले सीएम सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम
सीएम सुक्खू बनाम जयराम: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आपदा प्रबंधन को लेकर अपनी बात रखी।
सीएम सुक्खू बनाम जयराम: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में उथल पुथल! मुख्यमंत्री के बयान से बवाल! देखें क्या बोले सीएम सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम
उन्होंने कहा कि जब प्रदेश आपदा का सामना कर रहा था, तब केंद्र सरकार और भाजपा के नेताओं ने कोई सहायता नहीं की।
सुक्खू ने विशेष रूप से आलोचना की कि इस दौरान विपक्ष ने सिर्फ टिप्पणी की और सहयोग नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आपदा के कारण प्रदेश को 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है और उन्होंने केंद्र से राहत पैकेज की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने हिमाचल में शिक्षा के गुणात्मक सुधार की भी बात कही।
उनके अनुसार, अगले सत्र से सभी स्कूलों में पहली कक्षा के बच्चे अंग्रेजी माध्यम से पढ़ेंगे और प्राइमरी स्कूलों को और अधिक शक्तियां दी जाएंगी।
जवाब में क्या बोले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर
इसके जवाब में, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की आलोचना करके अपना समय बर्बाद कर रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र हिमाचल का पूरा सहयोग कर रहा है और मुख्यमंत्री को राज्य के विकास पर ध्यान देना चाहिए। जयराम ने यह भी बताया कि प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़े हैं।
उनका कहना है कि सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण कार्य रुके हुए हैं और कई अस्पतालों में तो एक भी चिकित्सक नहीं है।
उन्होंने मुख्यमंत्री की सरकार पर आरोप लगाया कि वे अपनी जिम्मेदारियों से पलायन कर रहे हैं और केवल दोषारोपण में लगे हुए हैं।
जयराम ने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व सरकार द्वारा लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट की मरम्मत तक नहीं की जा रही है।
इसके कारण, लोगों को समय पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन और हिमकेयर के तहत इलाज नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने बल दिया कि सरकार को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होना चाहिए और विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।
उनके अनुसार, केंद्र सरकार ने हिमाचल के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया है और राज्य को मिलने वाले प्रोजेक्ट्स में कोई कटौती नहीं की गई है।
उनका यह भी कहना है कि आपदा हो या नियमित विकास कार्य, केंद्र सरकार ने हमेशा हिमाचल का समर्थन किया है।
इस प्रकार, हिमाचल प्रदेश की राजनीति में आपदा प्रबंधन और विकास कार्यों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच मतभेद स्पष्ट रूप से उभर कर आ रहे हैं।