सुक्खू सरकार को नहीं दिख रहा करुणामूलक आश्रित परिवारों का दुख
करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा है कि कांग्रेस ने वादा किया था कि जैसी ही सरकार बनेगी करुणामूलक आश्रितो को बिना शर्त नौकरी दी जाएगी।
लेकिन आज सरकार की सत्ता वापसी में सरकार करुणामूलक परिवार का दर्द नहीं समज रही है। संघ निरंतर करुणामूलक परिवारों की हित की आवाज उठाता आया है !
संघ पूर्व सरकार के समय भी 432 दिन का क्रमिक भूख हड़ताल शिमला मैं कालीबाड़ी मंदिर के समीप एक वर्षा शालिका में कर चुका है।
जिसके चलते कुछ एक करुणामूलक परिवारों को रोजगार मिला। लेकिन बहुत से परिवार पूर्व सरकार की गलत नीतियों के कारण करुणामूलक नौकरी से वंचित रहे।
पूर्व सरकार के कार्यकाल में भी कांग्रेस सरकार करुणामूलक नौकरी बहाली के लिए आवाज उठाती आई है। वर्तमान में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हर एक मंच से इन परिवारों की आवाज उठाई और वादा किया गया जैसे ही प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनेगी सभी परिवारों को बिना शर्त एकमुशत नौकरियां दी जाएंगी।
प्रदेश सरकार को बनाने में करुणामूलक
परिवारों का भी विशेष योगदान रहा। अभी जैसे ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गयी है तो सरकार करुणामूलक् परिवारों के बलिदान को भूल चुकी है। अब प्रदेश सरकार को करुणामूलक् आश्रितों का दुख नही दिख रहा है
बजट सत्र में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा करुणामूलक पॉलिसी में बदलाव लाने की घोषणा की गई। उनके द्वारा जल्द से जल्द करुणामूलक नौकरी बहाल करने की बात कही गई।
प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार का कहना है की सरकार बिना पैशन से छेड़छाड़ किए बिना करुणामूलक नौकरियां बहाल करें। क्योंकि जब किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होती है तो उसके परिवार से कोई एक सदस्य करुणामूलक नौकरी के लिए आवेदन करता है तो उस परिवार की पेंशन एक तिहाई हो जाती है। अब प्रदेश सरकार एक तिहाई पेंशन पर कैंची ना चलाएं !
उन्होंने कहा कि बिना पेशन से छेड़छाड़ किए बिना करुणामूलक नौकरियां बहाल करें। आय सीमा बढ़ाने के लिए विचार करें। करुणा मुल्क नौकरी बहाली मैं कुछ टेक्निकल प्वाइंट है जिन पर सरकार विचार करें वह राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों को जल्द वार्तालाप के लिए बुलाया जाए।
अगर सरकार जल्द इन मुद्दों पर कार्यवाही करती है तो संघ सरकार का समर्थन करेगा .
मुख्य मांगें:-
1) आगामी कैबिनेट में पॉलिसी संशोधन किया जाए व निम्न बातें ध्यान में रखी जाए।
a) 5 लाख आय सीमा निर्धारित की जाए जिसमें एक व्यक्ति सालाना आय शर्त को हटाया जाए।
b) वित विभाग के द्वारा रेजेक्टेड केसों को कंसिडेर न करने की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए| और रेजेक्टेड केसों को दोवारा कंसिडेर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए।
c) क्लास-C व क्लास-D में 5% कोटे की शर्त को हमेशा के लिए हटा दिया जाए।
d) योग्यता के अनुसार क्लास-c व क्लास-D के सभी श्रेणियों (Technical+ non Techanical) के सभी पदों में नोकरियां दी जाए ताकि एक पद पर बोझ न पड़े।
e) जिन विभागों में खाली पोस्टें नही है उन केसों को अन्य विभाग में शिफ्ट करके नोकरियाँ दी जाए।
2) समस्त करुणामूलक परिवारों को क्लास-सी व क्लास -डी में मई माह से नियुक्तियाँ दी जाए।