सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: मिड-डे मील वर्कर्स को लेकर आई बड़ी खबर! सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हाई कोर्ट के फैसले पर मोहर! देखें क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के निर्णय को मानते हुए घोषित किया कि मिड-डे मील कार्यकर्ता सरकारी कर्मचारी नहीं होते।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: मिड-डे मील वर्कर्स को लेकर आई बड़ी खबर! सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हाई कोर्ट के फैसले पर मोहर! देखें क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: मिड-डे मील वर्करों की परिभाषा…
यह निर्णय तब आया जब अदालत ने स्पष्ट किया कि केंद्र या राज्य सरकार के किसी भी योजना के तहत नियुक्त कर्मचारी सरकारी कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: निर्णय का पृष्ठभूमि
इस पूरे मामले का आरंभ हुआ जब अंशकालिक जल वाहक पद के लिए नियुक्ति की चुनौती दी गई। दावा किया गया था कि एक उम्मीदवार की माँ मिड-डे मील वर्कर है, और इसलिए उसे अतिरिक्त अंक प्राप्त होने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: खंडपीठ और एकलपीठ के निर्णय
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पहले निर्णय दिया था कि मिड-डे मील वर्कर सरकारी कर्मचारी हैं, लेकिन बाद में खंडपीठ ने इस निर्णय को नकारते हुए उन्हें सरकारी कर्मचारी मानने से इंकार किया।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: सुप्रीम कोर्ट की अंतिम राय
खंडपीठ के इस निर्णय को प्रेम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय को ही सही मानते हुए मिड-डे मील वर्करों को सरकारी कर्मचारी मानने से इंकार किया।
इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से मिड-डे मील वर्करों की स्थिति स्पष्ट हो गई है। वे सरकारी कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते हैं।