स्क्रैप घोटाले पर नगर परिषद की सफाई, 55 लाख ने नहीं 12 लाख के थे डिवाइडर..
बिना हाउस की अनुमति अथवा नीलामी प्रक्रिया, कोटिशन मंगवाकर 2 लाख में बेचा स्क्रैप,
पार्षद डॉ रोहताश नांगिया ने की उपायुक्त सिरमौर से जांच की मांग….
पूर्व पार्षद शिव सिंह असवाल सोशल मीडिया पर उठा चुके हैं सवाल….
न्यूज़ घाट/पांवटा साहिब
आनन फानन में लाखों के स्क्रैप की बिक्री को लेकर चर्चा में आई नगर परिषद पांवटा साहिब ने मामले में बयान जारी किया है।
नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी एसएस नेगी की ओर से जारी बयान कहा गया है कि “हाल ही में समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर बडा घोटाला “कहां गये 55 लाख के डिवाईडर” के बारे में पूर्ण छानबीन की गई।
राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर सीएसआर शीर्ष के अन्तर्गत बद्रीनगर से वाई प्वांइट तक सन फार्मा कंम्पनी पांवटा साहिब द्वारा कुल 165 डिवाईडर वितीय वर्ष 2016-17 में लगाये गये थे, उक्त कंम्पनी द्वारा प्रस्तुत किये गये बिलो के अवलोकन पर पाया गया कि डिवाईडर लगाने पर कुल 1198750 रू की राशी व्यय की गई है।
कथित डिवाईडर एसएस फैब्रिकेटर कम्पनी वार्ड न 4 शिवा कलौनी से खरीद किये गये थे। बिलों का विवरण निम्न प्रकार से है।
बिल न 43 दिनांक 17.10.2016 (M/s Divider with material fabrication work, Painting and writing work ) eq0 239750/-रू0
बिल न 44 दिनांक 03.11.2016 (M/s Divider with material fabrication work, Painting and writing work) eq0 308250
बिल न 45 दिनांक 12.12.2016(M/s Divider with material fabrication work, Painting and writing work ) eq0 308250
बिल न0 46 दिनांक 27.01.2017 (M/s Divider with material fabrication work, Painting and writing work ) eq0 479500/-रू0
कुल – 1198750/-रू0
क्योकि बदी्रनगर से वाई पांवइट तक के राष्ट्रीय उच्च मार्ग को चैडा किया जाने का कार्य प्रगति पर था तथा सडक पर लगे डिवाईडर इस कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे थे।
नेशनल हाईवे ने 40 भाग में डिवाईडर को बेतरतीब तरीके से स्वंय हटाकर शेष भाग के लिए सहायक अभियंता एनएच सब डिवीजन धौलाकुआं ने अपने पत्र के द्वारा बचे हुए डिवाईडर को हटाने के लिए नगर परिषद पांवटा साहिब को लिखा था।
जिसके लिए नियमनुसार कार्य की व राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर वाहनो के भारी आवागमन के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना को बचाने के लिए कोटेशन विभिन्न फर्मो से एकत्रित की गई। जिस फर्म के द्वारा अधिकतम रेट भरे गये, यह कार्य उस फर्म को सोंपा गया।
हटाये गये डिवाईडर का कुल वजन 8205/- किगा है, 24.50 प्रति किग्रा के अनुसार कुल 201023 की राशी बनती है जो कि उक्त राशी नगर परिषद कार्यालय पांवटा साहिब के खाते में जमा हो चुकी है।
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डिवाईडर को सडक से हटाने के कार्य में तत्पर्ता को ध्यान मे रखते हुए उनका मूल रूप से उत्खन्न करना संभव नही था।
क्योकि डिवाईडर का एक चैथाई भाग भूमि में होने के कारण डिवाईडर कोेे सतह पर से मशीन द्वारा काटा गया।
जिससे डिवाईडर के लोहे का काफी भाग भूमि में ही समहित रह गया तथा नेशनल हाईवे द्वारा उसके ऊपर जेसीबी से कुछ समय बाद कार्य निष्पादत करके उसे भूमि में गाड दिया।
उपरोक्त तथ्यो के अवलोकन से यह बात सपष्ट हो जाती है कि सन फार्मा द्वारा स्थापित डिवाईडर को स्करेप में नगर परिषद द्वारा “न्यायसंगत” दर पर बेचा गया है”।
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बता दें कि बिना टेंडर प्रक्रिया व बिना हाउस के अनुमति के लाखों का स्क्रैप बेचे जाने के बाद नगर परिषद चर्चा में आ गई थी।
पूरे मामले में पूर्व पार्षद शिव सिंह असवाल ने ना केवल नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं बल्कि मामले की निष्पक्ष जांच की मांग भी की है।
वहीं इस मामले में समाजसेवी व पार्षद डॉ रोहताश नांगिया व समाजसेवी चतर सिंह उपायुक्त को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच की मांग कर चुके हैं।