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हिमाचल: गले में फंसा बादाम, एंबुलेंस देरी से पहुंची, ढाई साल के मासूम की मौत

हिमाचल: गले में फंसा बादाम, एंबुलेंस देरी से पहुंची, ढाई साल के मासूम की मौत

हिमाचल: गले में फंसा बादाम, एंबुलेंस देरी से पहुंची, ढाई साल के मासूम की मौत

हिमाचल: गले में फंसा बादाम, एंबुलेंस देरी से पहुंची, ढाई साल के मासूम की मौत

हिमाचल प्रदेश के जिला काँगड़ा की सुगनाड़ा पंचायत मे गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में ढाई साल के मासूम मानविक की जान चली गई। गले में बादाम फंसने के बाद समय पर इलाज और एंबुलेंस न मिलने से यह घटना घटी।

मानविक घर में खेलते हुए रसोई में पहुंच गया। वहां कटोरी में रखे भीगे बादाम में से एक निगल लिया, जो उसके गले में अटक गया। कुछ ही देर में वह बेहोश हो गया।

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मां नेहा ने जब बेटे को अचेत देखा तो परिवार में चीख-पुकार मच गई। दादा संतोख सिंह और पिता मनदीप सिंह उसे लेकर तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) नगरोटा सूरियां पहुंचे।

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लेकिन वहां ईएनटी विशेषज्ञ नहीं मिला। डॉक्टरों ने मानविक को टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। टांडा तक की दूरी लगभग 46 किलोमीटर है।

परिजनों का कहना है कि एंबुलेंस एक घंटे बाद मिली। टांडा पहुंचने में सवा घंटे से ज्यादा समय लगा। वहां डॉक्टरों ने मानविक को मृत घोषित कर दिया।

दादा संतोख सिंह, जो सेवानिवृत्त शिक्षक हैं, ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि अगर समय पर डॉक्टर और एंबुलेंस मिल जाती, तो मानविक की जान बच सकती थी।

सीएमओ राजेश गुलेरी ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। उन्होंने जांच कराने की बात कही है।

मानविक अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। मां गृहिणी हैं और पिता मनदीप दिहाड़ी मजदूर। मासूम की मौत से गांव में शोक की लहर है।

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है।

 

Written by Newsghat Desk

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