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हिमाचल प्रदेश में बदल गए निर्माण के नियम: प्रदेश में अब आसान नहीं होगा भवन निर्माण ! जानिए अब क्या है नए नियम?

हिमाचल प्रदेश में बदल गए निर्माण के नियम: प्रदेश में अब आसान नहीं होगा भवन निर्माण ! जानिए अब क्या है नए नियम?

हिमाचल प्रदेश में बदल गए निर्माण के नियम: प्रदेश में अब आसान नहीं होगा भवन निर्माण ! जानिए अब क्या है नए नियम?

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हिमाचल प्रदेश में बदल गए निर्माण के नियम: हिमाचल प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण के लिए नए और कठोर नियम अपनाए हैं। इस कदम का उद्देश्य नालों और खड्डों के आस-पास भवन निर्माण करते समय उचित दूरी बनाए रखना है।

हिमाचल प्रदेश में बदल गए निर्माण के नियम: प्रदेश में अब आसान नहीं होगा भवन निर्माण ! जानिए अब क्या है नए नियम?

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नए नियमों के अनुसार, नालों से कम से कम पांच मीटर और खड्डों से सात मीटर की दूरी अनिवार्य होगी। यह नियम फरवरी के अंत से प्रभावी होंगे।

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं के कारण भवनों को पहुंचे नुकसान ने इस बदलाव की आवश्यकता को उजागर किया है।

पहले के नियमों में नालों और खड्डों से क्रमशः तीन और पांच मीटर की दूरी का प्रावधान था, जिसे अब बढ़ाया गया है। इसके अलावा, अगर राजस्व रिकॉर्ड में नाले या खड्ड का उल्लेख नहीं है, तो भी निर्माणकर्ताओं को निर्धारित दूरी का पालन करना होगा।

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सरकार ने आपदाओं के कारण हुए नुकसान के बाद भारी मुआवजा दिया है। कुल्लू, मनाली, चंबा, मंडी जैसे क्षेत्रों में नुकसान की घटनाओं ने इन नियमों की आवश्यकता को और बढ़ा दिया है।

इन नए नियमों के लागू होने से उम्मीद है कि भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भवनों को होने वाले नुकसान में कमी होगी।

इन नए नियमों का उद्देश्य न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के प्रति भी जागरूकता और संरक्षण प्रदान करना है।

सरकार ने इन नियमों के प्रारूप पर आम जनता से आपत्ति और सुझाव आमंत्रित किए हैं, ताकि नीति निर्माण प्रक्रिया में सभी हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

इस पहल से नीति निर्माण में जन सहभागिता को महत्व मिलेगा और इससे जुड़े नियम ज्यादा प्रभावी और जन-अनुकूल होंगे।

नए नियमों के लागू होने से हिमाचल प्रदेश के नागरिकों को अपने निर्माण योजनाओं में बदलाव करने पड़ सकते हैं, लेकिन यह बदलाव प्राकृतिक आपदाओं के खतरों से उनके जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

सरकार इस बात का भी ध्यान रख रही है कि नियमों का पालन सख्ती से हो, ताकि भविष्य में किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।

इस प्रकार, हिमाचल प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल वर्तमान में, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षा और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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Written by Newsghat Desk

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