हिमाचल में इस दिन सड़कों पर नहीं दौड़ेगी लाइफलाइन माने जाने वाली HRTC, जानिये वजह
एक दिन काम छोड़ो आंदोलन पर जाएंगे, संयुक्त समन्वय समिति ने लिया फैसला
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में उन लोगों के लिए यह खबर बेहद जरूरी है, जोकि प्रदेश की लाइफलाइन माने जाने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में सफर करते हैं। एचआरटीसी कर्मचारियों ने एक दिन काम छोड़ो आंदोलन पर जाने का फैसला लिया है, जिसके चलते प्रदेश में एक दिन एचआरटीसी की बसें नहीं चलेंगी।
दरअसल हिमाचल पथ परिवहन निगम कर्मचारियों की की संयुक्त समन्वय समिति यानी जेसीसी ने 18 अक्तूबर 2021 को प्रदेश में एचआरटीसी की बस सेवाएं बंद करने का फैसला लिया है। जेसीसी को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा है, क्योंकि वेतन व अन्य वित्तिय लाभ जारी न किए जाने से कर्मचारियों में रोष है। इसके तहत 17 अक्तूबर तक यूनिटों में गेट मीटिंग चलती रहेगी।
हिमाचल पथ परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष प्यार सिंह ठाकुर ने प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए उक्त निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर परिवहन कर्मचारी पिछले दो माह से आंदोलन कर रहे हैं। निगम कर्मचारियों और पेंशनरों की लगभग 582 करोड़ के वित्तीय लाभ की देनदारियां वर्षों से लंबित हैं, जिसमें डीए, आईआर, चालक परिचालकों का ओवर टाइम, चिकित्सा बिलों का भुगतान, पेंशनरों को समय पर पेंशन जारी न करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की लंबित वित्तीय लाभ जारी न किए जाने से 18 अक्तूबर को एक दिन काम छोड़ो आंदोलन के तहत हड़ताल पर जा रहे हैं। निगम प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों के रुके वित्तीय लाभ जारी न करना, कर्मचारियों से बैठक न करना चुनाव आचार संहिता के दायरे में आने की बात कही जा रही है। यह सभी पुराने वित्तीय लाभ हैं, लेकिन इन्हें जारी नहीं किया जा रहा है।
यह भी हैं मुख्य मांगे
एचआरटीसी को रोडवेज का दर्जा देना, भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई, पीसमील कर्मचारियों को एकमुश्त अनुबंध पर लाना, चालकों का पूर्व की भांति 9880 रुपये वेतनमान बहाल करना, परिचालकों को वेतनमान और एसीपी स्कीम का लाभ देना, निगम में रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरना, वैट लीज पर चल रही बसों को बंद करना, पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करना आदि भी मांगे उठाई जा रही है।