हिमाचल में ऐसे बदलेगा स्कूलों का चेहरा: प्रदेश में अब प्रतिष्ठित हस्तियां स्कूलों को लेंगी गोद! क्या है सरकार की बड़ी योजना देखें पूरी ख़बर
हिमाचल में ऐसे बदलेगा स्कूलों का चेहरा: हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक नवीन और उत्साहवर्धक योजना प्रस्तुत की है, जिसके अंतर्गत समाज की प्रतिष्ठित हस्तियों को सरकारी स्कूलों को गोद लेने का अवसर मिलेगा।
यह एक अनूठी पहल है जिसका उद्देश्य सरकारी शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता और प्रभावशीलता लाना है।
शिक्षा सचिव राकेश कंवर के अनुसार, इस योजना का मुख्य लक्ष्य सरकारी स्कूलों में नवाचार और संसाधनों की वृद्धि करना है।
इसके लिए, विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों जैसे राजनेता, अधिकारी और निजी क्षेत्र के पेशेवरों को अपनी पसंद के स्कूलों को गोद लेने की स्वतंत्रता दी जाएगी।
इससे न केवल वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि ये प्रतिष्ठित हस्तियां स्कूलों के विकास में अपने अनुभव और ज्ञान का योगदान भी कर सकेंगे।
सरकार की यह पहल न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करेगी, बल्कि इससे छात्रों को भी विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से सीधा संपर्क और मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
इससे पहले, हिमाचल सरकार ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी इसी प्रकार की पहल की थी, जिसमें आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों को उद्योग जगत के साथ जोड़ा गया।
इसका उद्देश्य था तकनीकी शिक्षा को और अधिक व्यावहारिक बनाना और छात्रों को उद्योग-संबंधित कौशल और ज्ञान प्रदान करना। इस तरह के सहयोग से छात्रों को नए अवसरों और रोजगार की दिशा में मार्गदर्शन मिलता है।
इसी तर्ज पर, नई स्कूल एडॉप्शन योजना शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देगी। इस योजना के अंतर्गत, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को गोद लेने का प्रावधान है।
इससे पहले वाली सरकार ने भी ‘अखंड शिक्षा ज्योति-मेरे स्कूल से निकले मोती’ नामक योजना चलाई थी, जिसमें स्कूलों के सफल पूर्व छात्रों को पहचाना जाता था।
हालांकि, नई स्कूल एडॉप्शन पॉलिसी इससे भिन्न है और इसका लक्ष्य स्कूलों में सुधार और विकास को प्रोत्साहित करना है।
इस प्रकार, हिमाचल सरकार की यह नई पहल शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे राज्य के शिक्षा स्तर में सुधार और नवीनीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है।