हिमाचल में स्वास्थ्य संकट: प्रदेश में डॉक्टरों की सुक्खू सरकार को कड़ी चेतावनी ! आम लोगों में हड़कंप! एक क्लिक में देखें पूरी ख़बर
हिमाचल में स्वास्थ्य संकट: हिमाचल प्रदेश के डॉक्टरों ने सरकार की ओर से उनकी मांगों पर ध्यान न देने की स्थिति में हड़ताल की धमकी दी है।
हिमाचल में स्वास्थ्य संकट: प्रदेश में डॉक्टरों की सुक्खू सरकार को कड़ी चेतावनी ! आम लोगों में हड़कंप! एक क्लिक में देखें पूरी ख़बर
चिकित्सा अधिकारी संघ के अनुसार, यदि 7 फरवरी तक उनकी मांगों पर सरकार वार्ता नहीं करती, तो वे पेन डाउन हड़ताल पर चले जाएंगे।
नूरपुर सिविल अस्पताल में आयोजित संघ की बैठक में, डॉ. विकास ठाकुर ने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों के वेतन में कटौती की गई है।
जहां पहले यह 40,392 था, वहीं अब इसे घटाकर 33,660 कर दिया गया है। इससे राज्य में पहले से ही कम संख्या में मौजूद विशेषज्ञ डॉक्टरों की स्थिति और भी नाजुक हो गई है।
संघ ने यह भी बताया कि सीएमओ और बीएमओ जैसे पदों पर अतिरिक्त बोझ है, जिससे विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने इन पदों पर नियमित नियुक्तियों और पदोन्नति की भी मांग की। इसके अलावा, उन्होंने स्वास्थ्य निदेशक, उप स्वास्थ्य निदेशक और खंड चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों को जल्दी भरने की मांग उठाई।
संघ का कहना है कि अगर सरकार उनकी चिंताओं पर विचार नहीं करती, तो हड़ताल अनिवार्य हो जाएगी। इससे न केवल डॉक्टरों, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र पर असर पड़ेगा, जिससे आम जनता को भी कठिनाई हो सकती है।
डॉ. विकास ठाकुर ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग में प्रमोशन की प्रक्रिया अन्य विभागों की तुलना में काफी सीमित है।
उनका मानना है कि विभाग में सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सेवा विस्तार दिए जाने के कारण युवा और योग्य डॉक्टरों को पदोन्नति के अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।
इसके अलावा, डॉक्टरों ने राज्य सरकार से अपनी लंबित मांगों पर ध्यान देने और उन्हें तुरंत हल करने की अपील की है। वे चाहते हैं कि उनकी सेवा शर्तों में सुधार किया जाए और उनके कार्यक्षेत्र में बेहतरी लाई जाए।
संघ ने इस बात की भी चिंता जताई है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तो इससे राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ेगा और इसके लिए वे सरकार को जिम्मेदार मानेंगे।
इसलिए, उन्होंने सरकार से अपनी बातों पर विचार करने और समाधान की दिशा में काम करने का आग्रह किया है।