हिमाचल में 500 करोड़ की ठगी: कोऑपरेटिव सोसायटी गायब, निवेशक परेशान
दिल्ली की सोसायटी ने 8 जिलों में फैलाया जाल
हिमाचल में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमे दिल्ली की ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी ने हजारों लोगों से 500 करोड़ रुपये ठग लिए है। अब सोसायटी गायब हो गई है। निवेशकों में हड़कंप मचा है।
9 से 14% ब्याज का लालच
सोसायटी ने 9 साल तक हिमाचल के 8 जिलों में 37 शाखाएं चलाईं और एफडी पर 9 से 14% ब्याज का वादा कर लोगों से पैसे जमा करवाए इसके झाँसे में सरकारी कर्मचारी, पेंशनर और गृहिणियां भी आये हैं।
शिकायतें बेकार, नोटिस बेअसर
निवेशकों की शिकायतों के बाद सेंट्रल रजिस्ट्रार ने सोसायटी को कई नोटिस भेजे लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद इसका दिल्ली का मुख्य कार्यालय भी बंद पाया गया अब सोसायटी के खिलाफ लिक्विडेशन शुरू हो गया है।
संपत्ति से देनदारी निपटाने की तैयारी
लिक्विडेशन के तहत सोसायटी की संपत्तियां बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाया जाएगा और इसमें शिमला और ऊना में सबसे ज्यादा प्रभावित लोग हैं बल्कि कई शाखाएं अब भी सुविधा केंद्र के नाम से चल रही हैं।
एजेंटों ने बिछाया जाल
स्थानीय एजेंटों ने कमीशन पर काम किया और इसका हर शाखा में एक प्रबंधक था जिन्होंने लोगों का भरोसा जीतकर लोगों से निवेश करवाया गया लेकिन नतीजन अब निवेशक अपने पैसे के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
वेबसाइट बंद, बेचैनी बढ़ी
2 दिसंबर 2024 को सोसायटी की वेबसाइट और पोर्टल अचानक बंद हो गए जिसके बाद निवेशकों को तकनीकी खराबी का बहाना दिया गया लेकिन सच सामने आने पर लोग जाग गये हैं।
पुलिस जांच में हाथ खाली
एक एजेंट ने शिमला में 3.33 करोड़ की ठगी का केस दर्ज कराया। पुलिस अभी तक कुछ नहीं ढूंढ पाई, क्योंकि यह अंतरराज्यीय मामला होने के कारण इसकी जांच सेंट्रल रजिस्ट्रार के पास है।
सरकार का बयान
रजिस्ट्रार आरके पुर्थी ने कहा कि लिक्विडेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है शिकायतें सेंट्रल रजिस्ट्रार को भेजी जा रही हैं, निवेशकों को इंसाफ की उम्मीद बंधी है।
हिमाचल के लोगों का भरोसा टूटा है। अब सवाल यह है कि क्या उन्हें उनका पैसा वापस मिलेगा? जांच जारी है।