हिमाचल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: डीजीपी एसपी पर गिरी गाज और गृह सचिव को फटकार! आखिर क्यों हटाए गए प्रदेश के टॉप पुलिस अधिकारी? जानिए पूरा मामला यहाँ
हिमाचल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू और कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शालिनी अग्निहोत्री को उनके पदों से हटाने का आदेश दिया। इस निर्णय के पीछे क्या कारण रहे, आइए जानते हैं।
हिमाचल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: डीजीपी एसपी पर गिरी गाज और गृह सचिव को फटकार! आखिर क्यों हटाए गए प्रदेश के टॉप पुलिस अधिकारी? जानिए पूरा मामला यहाँ
इस फैसले का मुख्य कारण था एक स्थानीय कारोबारी निशांत कुमार शर्मा के साथ हुई घटना। निशांत ने हाईकोर्ट को एक ईमेल के माध्यम से सूचित किया था कि उन्हें और उनके परिवार को गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि गुरुग्राम में उन पर एक हमला हो चुका है और उन्हें धमकाया गया है। उन्होंने डीजीपी कार्यालय से कई फोन कॉल्स आने की भी जानकारी दी।
इस मामले में जब हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया, तो उन्होंने पाया कि डीजीपी और एसपी शिमला ने इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की और न ही प्राथमिकी दर्ज की गई। कोर्ट ने इसे निष्पक्ष जांच में बाधा माना और उन्होंने दोनों अधिकारियों को उनके पदों से हटाने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि गृह सचिव ने इस मामले में आंखें मूंद ली थीं, यानी उन्होंने इस गंभीर मुद्दे पर उचित ध्यान नहीं दिया।
कोर्ट ने गृह सचिव की इस निष्क्रियता पर भी सवाल उठाया और कहा कि न्याय की प्रक्रिया सिर्फ होनी ही नहीं चाहिए, बल्कि यह दिखनी भी चाहिए।
इस प्रकार के सिद्धांत को मद्देनजर रखते हुए, अधिकारियों का मौजूदा पदों पर बने रहना उचित नहीं समझा गया।
हाईकोर्ट ने यह सुनिश्चित किया कि इस मामले की जांच निष्पक्ष और सही तरीके से हो, इसलिए उन्होंने इन दोनों उच्च पुलिस अधिकारियों को हटाने के साथ ही गृह सचिव को भी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।
यह मामला निशांत कुमार शर्मा की सुरक्षा से जुड़ा था, जिन्होंने हाईकोर्ट को ईमेल के जरिए अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के खतरे की जानकारी दी थी।
इस प्रकरण में हाईकोर्ट ने एसपी शिमला और एसपी कांगड़ा को निशांत को उचित सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश भी दिए थे। इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि हाईकोर्ट ने इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई की और निष्पक्ष जांच की मांग की।