Aphasia यानी वाचाघात बोलने से संबंधित यह बीमारी क्या है ? क्या होते हैं इसके लक्षण आइए जानते हैं?
Aphasia (वाचाघात) एक ऐसी बीमारी है, जिससे व्यक्ति को बोलने और लिखने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। बोलने से जुड़ी इस बीमारी के कारण हॉलीवुड एक्टर Bruce Willis को एक्टिंग छोड़नी पड़ी थी।
जानते हैं क्या है aphasia
हॉलीवुड के मशहूर एक्शन हीरो ब्रूस विलिस इस गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं जिसकी वजह से उन्होंने अपने करियर को अलविदा कह दिया है।
ब्रूस की बेटी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा है कि ब्रूस एक ऐसी बीमारी से ग्रसित हैं जिसकी वजह से उन्होंने अपने एक्टिंग करियर को छोड़ने का फैसला ले लिया है आपको बताते चलें कि ब्रूस वाच आघात नामक बीमारी से ग्रसित है यह मस्तिष्क से जुड़ी हुई एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से बोलने लिखने और समझने में बहुत कठिनाई होती है।
ग्वालियर स्थिति विजयाराजे सिंधिया कॉलेज की मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ. नीरा श्रीवास्तव से बातचीत कर इस बीमारी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की है।
वाचाघात क्या है?
डॉ. नीरा श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें पीड़ित को कम्युनिकेट करने में काफी दिक्कत आती है जैसे कि बोलने में लिखने में समझने की क्षमता कम हो जाती है।यह बीमारी अचानक सिर पर चोट लगने की वजह से स्ट्रोक की वजह से होती है।
हालांकि, कुछ स्थितियों में यह ब्रेन ट्यूमर, संक्रमण या फिर मस्तिष्क से जुड़ी कोई अन्य बीमारी के बढ़ने की वजह से भी हो सकता है। वाचाघात की गंभीरता कई स्थितियों (कारण और मस्तिष्क की क्षति) पर निर्भर करती है। वहीं, इस समस्या का इलाज इसके कारणों के आधार पर किया जाता है। मुख्य रूप से वाचाघात का इलाज स्पीच और लैंग्वेज थेरेपी के द्वारा किया जाता है।
वाचाघात के लक्षण
वाचाघात एक मानसिक विकार है। इसके पीड़ित व्यक्ति में निम्न लक्षण दिख सकते हैं-
छोटे या अधूरे वाक्य बोलना
किसी मतलब के शब्दों का प्रयोग न करना।
ऐसे शब्द बोलना जिसका कोई अर्थ न हो।
बिना मतलब के शब्दों का प्रयोग करना
लोगों की बातों को समझने की कोशिश न करना।
फोटो या फिर चिन्ह की मदद से बातों को समझना
पीड़ित व्यक्ति के लिखे शब्दों का कोई अर्थ न होना।
वाचाघात के कारण
डॉक्टर नीरा श्रीवास्तव का कहना है कि वाचाघात का सबसे आम कारण स्ट्रोक की वजह से मस्तिष्क में किसी तरह की क्षति होना, जिसमें ब्रेन की नसों का डैमेज होना या फिर ब्लड के संचार में रुकावट होना शामिल है।
मस्तिष्क में खून की कमी होने से मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। इसके अलावा मस्तिष्क में लैंग्वेज को नियंत्रित करने वाले क्षेत्रों में किसी तरह की समस्या उत्पन्न होने की वजह से वाचाघात की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इसके अलावा वाचाघात के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिसमें सिर में रूप से गंभीर चोट, ब्रेन ट्यूमर होना, ब्रेन में संक्रमण फैलना इत्यादि हो सकते हैं। इन स्थितियों में वाचाघात के साथ-साथ पीड़ित व्यक्ति को अन्य तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें मेमोरी लॉस और कंफ्यूजन शामिल है।
एक्सपर्ट बताती हैं कि वाचाघात कभी-कभी अस्थायी रूप से भी प्रभावित करता है, जो माइग्रेन, सिजुरे (सिजुरे डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति को दौरे पड़ते ) या ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक (transient ischemic attack) के कारण हो सकते हैं।
ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक किसी व्यक्ति को तब होता है, जब मस्तिष्क में किसी कारण से ब्लड सर्कुलेशन में अवरुद्ध उत्पन्न होती है। टीआईए से ग्रसित व्यक्ति को भविष्य में स्ट्रोक होने का खतरा रहता है।
वाचाघात का निदान
इस समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपकी शारीरिक और नर्व्स से संबंधित टेस्ट ले सकता है। इसके बाद आपकी क्षमता की जांच सकता है। इसके बाद कुछ अन्य टेस्ट करने कर सकते हैं। जैसे-
रोगी से बातचीत
शब्दों को समझाने की कोशिश
लिखना और पढ़ने का टेस्ट
वाक्यों को समझाने और समझने का टेस्ट इत्यादि।
वाचाघात का इलाज
डॉक्टर के अनुसार अगर किसी बीमारी जैसे- ट्यूमर या संक्रमण की वजह से वाचाघात की समस्या हुई है, तो यह परेशानी दूर होने पर वाचाघात की समस्या भी ठीक हो जाती है। हालांकि, कुछ स्थितियों में मरीजों को बोलने और समझने के लिए स्पीच और लैग्वैज थेरेपी दी जाती है, जिससे व्यक्ति को बोलने और लिखने में आसानी हो सके।
स्पीच थेरेपी – इस थेरेपी की मदद से व्यक्ति के बोलने की क्षमता को सुधारने की कोशिश की जाती है। जबकि यह काफी धीमी गति से कार्य करेगा लेकिन इसमें धीरे-धीरे सफलता मिलनी शुरू हो जाएगी।
लैंग्वेज थेरेपी – इस थेरेपी में भाषा को समझने और लिखने-पढ़ने की क्षमता में सुधार करने की कोशिश की जाती है।कुछ ऐसी चीजों का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है जैसे मोबाइल फोन कंप्यूटर लैपटॉप इत्यादि इससे पीड़ित को सोचने समझने की क्षमता में सुधार होता है।
वाचघात एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसके कारण पीड़ित के मानसिक और शारीरिक जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है।
जिस कारण पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है यदि आप ऐसे किसी पीड़ित को देखते हैं तो उसे किसी अच्छे मनोवैज्ञानिक डॉक्टर के पास ले जाएं ताकि समय रहते उसका अच्छे से इलाज हो सके।
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