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Parenting Tips: बच्चों के साथ न बरते जरूरत से ज्यादा सख्ती! नहीं तो होगी परेशानी, पेरेंट्स जरूर रखें इन बातों का ख्याल

Parenting Tips: बच्चों के साथ न बरते जरूरत से ज्यादा सख्ती! नहीं तो होगी परेशानी, पेरेंट्स जरूर रखें इन बातों का ख्याल

Parenting Tips: बच्चों के साथ न बरते जरूरत से ज्यादा सख्ती! नहीं तो होगी परेशानी, पेरेंट्स जरूर रखें इन बातों का ख्याल

Parenting Tips: अगर आप भी अपने बच्चों के साथ सख्ती से पेश आते हैं तो आपको थोड़ा सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि जरूरत से ज्यादा सख्ती बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए हानिकारक हो सकती है।

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Parenting Tips: बच्चों के साथ न बरते जरूरत से ज्यादा सख्ती! नहीं तो होगी परेशानी, पेरेंट्स जरूर रखें इन बातों का ख्याल

इससे वे अपनी भावनाओं को दबाना और झूठ बोलना सीख सकते हैं, जिससे वे खुलकर अपनी बात नहीं रख पाते। अक्सर देखा जाता है कि माता-पिता बेहतर परवरिश के चक्कर में जरूरत से ज्यादा सख्ती करने लगते हैं। इससे बच्चे अपनी मासूमियत और नैचुरल खुशमिजाजी तो खोते ही है साथ ही वह डरपोक, चिड़चिड़े और जिद्दी बनने लगते हैं।

इसलिए, अनुशासन के साथ प्यार और समझदारी ज़रूरी है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा खुशमिजाज, स्मार्ट और कॉन्फिडेंट बने तो Parenting में कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

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जरूरत से ज्यादा अनुशासन
अनुशासन जरूरी है, लेकिन जरूरत से ज्यादा सख्ती बच्चे के मानसिक विकास को प्रभावित कर सकती है। कई बार माता-पिता हर छोटी गलती पर डांटने लगते हैं, जिससे बच्चा या तो डरने लगता है या फिर खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पाता।

फैसले लेने का मौका न देना
हर बात पर माता-पिता बच्चों के लिए फैसले लेने लगते हैं, जैसे क्या पहनना है, क्या खाना है, कौन-सा खेल खेलना है आदि। इससे बच्चे में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। अगर उन्हें छोटी-छोटी चीजों में खुद निर्णय लेने दिया जाए, तो वे खुद को ज्यादा सशक्त महसूस करते हैं।

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बच्चों की फीलिंग्स को न करें नजरअंदाज
बच्चों की भावनाओं को नज़रअंदाज़ करना उनके मानसिक स्वास्थ्य और विकास के लिए बहुत हानिकारक है। ऐसे में माता-पिता को उनकी भावनाओं को सुनना, स्वीकार करना और उन्हें महसूस कराना चाहिए कि उनकी भावनाएँ मायने रखती हैं ताकि वे भावनात्मक रूप से स्वस्थ बन सकें।

जरूरत से ज्यादा ना बोलना
क्या आपने गौर किया है कि जब आप अपने बच्चे को बार-बार ना कहते हैं, तो वह जिद करने लगता है? यह इसलिए होता है क्योंकि बच्चों को नए चीजें सीखने और एक्सप्लोर करने का स्वाभाविक हक होता है। लेकिन अगर हर चीज पर उन्हें मना किया जाए, तो वे या तो जिद्दी बन जाते हैं या फिर डरपोक। इसलिए जरूरत से ज्यादा ना नहीं बोलना चाहिए।

बच्चे को दे प्यार और दुलार
बच्चे को अगर सही परवरिश देनी है, तो सबसे जरूरी चीज़ है प्यार और अपनापन। बच्चों के लिए प्यार और दुलार (स्नेह) बेहद ज़रूरी है क्योंकि यह उनके भावनात्मक, सामाजिक और मानसिक विकास की नींव रखता है, जिससे उनमें आत्मविश्वास, सुरक्षा और बेहतर व्यवहार आता है। जब बच्चा खुद को सुरक्षित और प्यार से घिरा हुआ महसूस करता है, तो वह न केवल खुशमिजाज और आत्मविश्वासी बनता है, बल्कि उसकी मासूमियत और क्यूटनेस भी बनी रहती है।

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Written by News Ghat

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