CM सुक्खू का बड़ा ऐलान ! बिजली चोरी रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के दिए निर्देश
शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बिजली क्षति और चोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) को बिजली क्षति का सटीक आकलन करने को कहा। उन्होंने फीडर मीट्रिंग जैसे उपाय लागू करने पर जोर दिया। साथ ही, वाणिज्यिक, औद्योगिक और घरेलू उपभोक्ताओं की फीडर मैपिंग के निर्देश दिए। इससे डेटा एक क्लिक पर उपलब्ध होगा।
उन्होंने प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों को 30 अप्रैल तक विभाग चुनने का विकल्प देने को कहा। सिविल विंग के कर्मचारी भी लोक निर्माण विभाग में जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इससे कर्मचारियों की पदोन्नति या लाभ प्रभावित नहीं होंगे। सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए नीतियां संशोधित करेगी।
एचपीएसईबीएल को और मजबूत करने के लिए सरकार जल्द टी-मेट्स और लाइनमैन के 2000 पद भरेगी। इससे बोर्ड की कार्यक्षमता बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने इसकी समयबद्ध भर्ती पर जोर दिया।
सुक्खू ने 450 मेगावाट की शोंग-टोंग जल विद्युत परियोजना की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने इसे नवंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा। साथ ही, विद्युत निकासी की पहले से योजना बनाने के निर्देश दिए। इससे राजस्व नुकसान से बचा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक क्षेत्रों में लंबे समय से तैनात कर्मचारियों के तबादले के भी निर्देश दिए। इससे प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। उन्होंने ऊर्जा विभाग को सभी निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा।
बैठक में एचपीएसईबीएल अध्यक्ष संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के सलाहकार राम सुभग सिंह, सचिव ऊर्जा राकेश कंवर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह कदम हिमाचल में बिजली प्रबंधन को और प्रभावी बनाएंगे।