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Credit Card Use Tips: क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की ड्यू डेट निकल गई ? घबराएं नहीं RBI के इस नए नियम को जान लें फायदे में रहेंगे

Credit Card Use Tips: क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की ड्यू डेट निकल गई ? घबराएं नहीं RBI के इस नए नियम को जान लें फायदे में रहेंगे

Credit Card Use Tips: क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की ड्यू डेट निकल गई ? घबराएं नहीं RBI के इस नए नियम को जान लें फायदे में रहेंगे
Credit Card Use Tips: क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की ड्यू डेट निकल गई ? घबराएं नहीं RBI के इस नए नियम को जान लें फायदे में रहेंगे

Credit Card Use Tips: क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की ड्यू डेट निकल गई ? घबराएं नहीं RBI के इस नए नियम को जान लें फायदे में रहेंगे

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Credit Card Use Tips: कई बार लोग अपने क्रेडिट कार्ड के बिल की ड्यू डेट को याद नहीं रख पाते हैं।

Credit Card Use Tips: क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की ड्यू डेट निकल गई ? घबराएं नहीं RBI के इस नए नियम को जान लें फायदे में रहेंगे

Credit Card Use Tips: रिजर्व बैंक के नियम के अनुसार, ड्यू डेट के बाद 3 दिनों के अंदर बिल पेमेंट करने पर न तो कोई पेनल्टी लगती है और न ही क्रेडिट स्कोर पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस लेख में हम आरबीआई के नियम और इसके बारे में विस्तार से बात करेंगे।

इस लेख में हम आरबीआई के नियम के अनुसार क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की ड्यू डेट से संबंधित विवरण प्रदान करेंगे।

Credit Card Use Tips: आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान को लेकर निम्न नियम बनाए हैं

ड्यू डेट के बाद 3 दिन की क्षमता: जैसा कि पहले बताया गया, आरबीआई ने एक नियम बनाया है जिसमें क्रेडिट कार्ड धारकों को ड्यू डेट के बाद भी 3 दिन की क्षमता दी गई है। इस अवधि में, कस्टमर को किसी भी प्रकार की पेनल्टी नहीं देनी होती है।

क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं: यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान ड्यू डेट के 3 दिनों के अंदर कर देते हैं, तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा।

पेनल्टी की गणना: यदि कस्टमर उपरोक्त 3 दिन की क्षमता के बाद भी क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करता है, तो उसे पेनल्टी की राशि देनी होती है।

पेनल्टी की राशि क्रेडिट कार्ड के बिल की राशि पर निर्भर करती है। विभिन्न बैंकों के पेनल्टी चार्ज अलग-अलग हो सकते हैं। आमतौर पर, ये चार्ज निम्नलिखित तरीके से कैलकुलेट किए जाते हैं:

विलंबित भुगतान की स्थिति में, कार्ड धारक को कम से कम दिलाई ब्याज दर पर चार्ज किया जाता है। यह दर सामान्यतया 2.5% से 4% प्रति माह होती है, लेकिन यह बैंक से बैंक अलग-अलग हो सकती है।

इसके अतिरिक्त, विलंबित भुगतान पर एक फ़िक्स्ड निश्चित राशि का पेनल्टी चार्ज भी हो सकता है। यह राशि बिल की कुल राशि पर निर्भर करती है और बैंक की नीति के अनुसार तय होती है।

नियमित अद्यतन: आरबीआई ने यह सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को निर्देश दिया है कि वे क्रेडिट कार्ड धारकों को उनके बिल की ड्यू डेट, पेनल्टी चार्ज और अन्य संबंधित जानकारी पर नियमित रूप से अद्यतन करें।

ग्राहक सेवा: आरबीआई ने बैंकों को सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वे ग्राहकों की समस्याओं के निवारण में सक्रिय रूप से भाग लें और तत्काल प्रतिक्रिया प्रदान करें। इसके लिए, बैंकों को निम्न कदमों का पालन करना चाहिए:

हेल्पलाइन नंबर: बैंकों को एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर स्थापित करना चाहिए जिस पर ग्राहक अपनी समस्या या शिकायत को लेकर संपर्क कर सकें।

ईमेल समर्थन: बैंकों को एक ईमेल आईडी प्रदान करना चाहिए, जिस पर ग्राहक अपनी समस्या या शिकायत को लेकर लिख सकें। बैंकों को ग्राहकों की ईमेलों का त्वरित और प्रभावी जवाब देना चाहिए।

शाखा समर्थन: ग्राहकों को बैंक शाखा में जाकर अपनी समस्याओं या शिकायतों के बारे में बात करने का विकल्प भी होना चाहिए। शाखा कर्मचारियों को ग्राहक सेवा के मामले में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

शिकायत निवारण प्रक्रिया: बैंकों को एक स्पष्ट और पारदर्शी शिकायत निवारण प्रक्रिया स्थापित करनी चाहिए, ताकि ग्राहकों को उनकी समस्याओं के निवारण की स्थिति की जानकारी मिल सके।

प्रतिक्रिया समय: बैंकों को ग्राहकों की समस्याओं और शिकायतों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और उन्हें त्वरित प्रतिक्रिया देने का प्रयास करना चाहिए। आमतौर पर, बैंकों को 7 कार्यदिवस के भीतर ग्राहक की समस्या के निवारण के लिए कार्रवाई करने की अपेक्षा की जाती है।

ग्राहक सेवा मूल्यांकन: बैंकों को नियमित रूप से ग्राहक सेवा के मामलों में अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करना चाहिए। इसके लिए, बैंकों को ग्राहकों की प्रतिक्रिया और सुझाव लेने का प्रयास करना चाहिए ताकि वे अपनी सेवाओं में सुधार कर सकें।

इन सभी कदमों का पालन करके, बैंक अपने ग्राहकों के लिए बेहतर समर्थन और सेवा प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, आरबीआई ने बैंकों को ग्राहक सेवा में सुधार के लिए नियमित रूप से निर्देश दिए हैं।

इस प्रकार, ग्राहक सेवा के मामले में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए आरबीआई और बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

 

Written by newsghat

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