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Electric Vehicle in Himachal: इलैक्ट्रिक वाहनों की दस्तक से हरित ऊर्जा राज्य की ओर बढ़ता हिमाचल, इलैक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने की कवायद

Electric Vehicle in Himachal: इलैक्ट्रिक वाहनों की दस्तक से हरित ऊर्जा राज्य की ओर बढ़ता हिमाचल, इलैक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने की कवायद

Electric Vehicle in Himachal: इलैक्ट्रिक वाहनों की दस्तक से हरित ऊर्जा राज्य की ओर बढ़ता हिमाचल, इलैक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने की कवायद

Electric Vehicle in Himachal: हिमाचल सरकार को देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने की मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू की सोच और नीति को धरातल पर उतारने के लिये तेज प्रयास शुरू हो चुके हैं।

प्रदेश परिवहन विभाग ने इलैक्ट्रिक वाहनों को सड़कों पर उतारने के लिये तीव्रता से अपना कार्य करना आरम्भ कर दिया है। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता के अनुसार प्रदेश सरकार ने सरकारी वाहनों को इलैक्ट्रिक वाहनों से बदलने का निर्णय लिया है।

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राज्य सचिवालय सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में इलैक्ट्रिक वाहनों को सड़कों पर देखा जा सकता है। इलैक्ट्रिक वाहनों को पाॅपुलर बनाने के लिये जिला स्तर पर प्रयास हो रहे हैं।

सर्वप्रथम इन वाहनों की चार्जिंग के लिये चार्जिग स्टेशन चिन्हित किये जा रहे हैं। उपायुक्त इस संबंध में आए दिन बैठकें करके चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित कर इन्हें क्रियाशील बनाने पर बल दे रहे हैं।

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जिला के सभी एसडीएम को अपने अपने क्षेत्रों में विशेषकर राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों पर स्थापित किये जाने वाले बड़े चार्जिग स्टेशनों को परिवहन विभाग के सहयोग से जल्द स्थापित करने के निर्देश जारी किये गए हैं।

इसी तरह विभिन्न विभागों को निजी स्तर पर अपने चार्जिंग स्टेशन कार्यालय परिसरों में निर्मित करने को कहा गया है। प्रदेश सरकार की नीति है कि चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता के चलते इलैक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहन मिलेगा।

चार्जिंग स्टेशन इन वाहनों के लिये एक मूलभूत आवश्यकता रहेगी और आम लोगों का रूझान भी इलैक्ट्रिक वाहनों के प्रति बढ़ेगा।

उपायुक्त के अनुसार प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला में इलैक्ट्रिक कार चार्जिंग के लिए फास्ट एसी चार्जिंज और फास्ट डीसी चार्जिंग स्टेशन तैयार करने के लिए करीब 143 स्थानों को चिन्हित किया गया है। शीघ्र ही इन स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन निर्माण की प्रक्रिया आरम्भ की जाएगी।

उपायुक्त आरके गौतम ने इलैक्ट्रिक वाहनों के संबंध में जानकारी सांझा करते हुए बताया कि सिरमौर जिला में परिवहन विभाग में टाटा नेक्सा की पहली इलैक्ट्रिक कार पहुंच गई है।

इस इलैक्ट्रिक कार के प्रति क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग इस वाहन की बारीकी के साथ जानकारी हासिल कर रहे हैं। जिला के सभी एसडीएम तथा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के पास आए दिन अनेक निजी इलैक्ट्रिक वाहन पंजीकरण के लिये आ रहे हैं। इनमें अधिकांश दो पहिया वाहन हैं।

इलैक्ट्रिक कार की खासियत यह है कि जहां यह पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी वहीं वाहनों के फयूल यानि पेट्रोल और डिजल पर होने वाला व्यय लगभग नगन्य हो जाएगा। वाहन को चार्ज करके इसका सड़क पर खर्च एक रुपये प्रति किलोमीटर से भी कम हो जाएगा।

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सचिन्द्र चैधरी के अनुसार नाहन पहुंची इस टाटा कार की कीमत 17 लाख 93 हजार रुपये है। उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश में कुल 11 नए वाहन पहुंचे हैं और अगले चरण में 6 और वाहन पहुंचेंगे। चरणबद्ध तरीके से अगले तीन सालों में सरकारी क्षेत्र में लगभग सभी वाहन इलेक्ट्रिक होंगे।

इलैक्ट्रिक कार की विशेषता है कि एक बार चार्ज करने पर यह करीब 400 से 450 किलोमीटर का सफर तय कर सकती है। कार को एक बार चार्ज करने पर करीब 30 यूनिट बिजली खर्च होती है। घर पर 15 ए.एम.पी स्वीच पर कार को चार्ज होने में करीब 24 घंटे का समय लगता है।

दूसरी ओर फास्ट एसी चर्जिंग पर कार को चार्ज होने के लिए चार घंटे का समय जबकि फास्ट डीसी चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज होने के लिए 40 मिनट से एक घंटा तक का समय लगता है। डी.सी. चार्जिंग पर कार को केवल 15 मिनट में भी चार्ज किया जा सकता है और यह लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है।

सिरमौर परिवहन विभाग में पहुंची इलैक्ट्रिक कार में करीब आठ बैटरियां लगी हैं और इनकी खासियत यह है कि इनमें लीथियम आयन बैटरी उपयोग होती है। कंपनी ने बैटरी की गारंटी 8 साल की अथवा एक लाख 60 हजार कि.मी. की दी है। यानि आप इस कार को 8 साल तक आराम से गारंटी के साथ चला सकते हैं।

हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में शुमार कालाअंब और पांवटा औद्योगिक क्षेत्र लगातार पर्यावरण प्रदूषण झेल रहे हैं। एनजीटी सहित विभिन्न केन्द्रीय पर्यावरण एजेंसियों ने इन औद्योगिक क्षेत्रों में बिगड़ते पर्यावरण पर समय-समय पर गहरी चिंता जताई है।

यदि इन क्षेत्रों में इलैक्ट्रिक कार के प्रति लोगों का रूझान बढ़ता है तो यह इलैक्ट्रिक वाहन पर्यावरण संरक्षण में काफी कारगर सिद्ध होंगे।

Written by newsghat

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