Himachal School Sports: हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग का फरमान! प्रदेश के स्कूलों में अब इन दिनों में होंगी खेल कूद प्रतियोगिताएं! पढ़ें क्या है खेल कूद प्रतियोगिताओं का शेड्यूल
हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग का फरमान! उच्च शिक्षा निदेशालय ने खेल कैलेंडर जारी किया।
अंडर-19 खेलकूद प्रतियोगिताएं हिमाचल प्रदेश में अक्तूबर-नवंबर में आयोजित होंगी। इस बार शिमला, कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, और चंबा में होंगी प्रतियोगिताएं।
Himachal School Sports: हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग का फरमान! प्रदेश के स्कूलों में अब इन दिनों में होंगी खेल कूद प्रतियोगिताएं! पढ़ें क्या है खेल कूद प्रतियोगिताओं का शेड्यूल
खेल का महत्व: खेलकूद प्रतियोगिताएं छात्रों के लिए न केवल शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि उन्हें सामाजिक और मानसिक रूप से भी मजबूत बनाती हैं।
हिमाचल में अंडर-19 प्रतियोगिताओं का आयोजन
हिमाचल प्रदेश की सरकारी स्कूलों में अक्तूबर और नवंबर महीने में विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताएं होंगी। इन प्रतियोगिताओं में वॉलीबाल, कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन, हैंडबाल, बास्केटबाल, और बहुत सारे अन्य खेल शामिल हैं।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा के अनुसार, इन प्रतियोगिताओं की तारीखें और स्थल भी तय कर दिए गए हैं।
प्रतियोगिताओं की विस्तारपूर्वक जानकारी…
रोहड़ू स्कूल में 13 से 16 अक्तूबर तक लड़कों की वॉलीबाल, कबड्डी, खो-खो और बैडमिंटन की प्रतियोगिता होगी। वहीं, ऊना में हैंडबाल, बास्केटबाल, शतरंज और वेटलिफ्टिंग की प्रतियोगिता 13 से 16 अक्तूबर तक आयोजित की जाएगी।
बिलासपुर और चंबा में 27 से 30 अक्तूबर तक हॉकी, बॉक्सिंग, ताइक्वांडो, फुटबाल, जूडो, टेबल टेनिस आदि प्रतियोगिताएं होंगी।
लड़कियों के खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन भी विभिन्न स्कूलों में होगा। वॉलीबाल, कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन और शतरंज की प्रतियोगिता सोलन में 20 से 23 अक्तूबर तक होगी।
अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगिताएं
इन सभी प्रतियोगिताओं का मुख्य उद्देश्य छात्रों को अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है।
इसके लिए स्कूलों और उच्च शिक्षा निदेशालय का संयुक्त प्रयास है कि वे छात्रों को सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करें, ताकि वे अपनी प्रतिभा को पूरी तरह से विकसित कर सकें।
इसके अलावा, निदेशालय यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि हर एक छात्र को उसकी क्षमता और रुचि के अनुसार खेल में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिले।
इससे छात्रों में आत्म-विश्वास और टीम वर्क की भावना बढ़ेगी, और वे भविष्य में अधिक उत्कृष्टता प्राप्त कर सकेंगे।