Home Loan: ले लिया है होम लोन और अब कम करना चाहते हैं उसका ब्याज! तो जानिए यह पांच असरदार टिप्स
Home Loan: इंसान का सपना होता है कि उसका अपना खुद का घर हो, इस सपने को पूरा करने के लिए हम में से ज्यादातर लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। लेकिन जब बात आती है होम लोन की तो उसमें सबसे बड़ा बोझ होता है लोन के ब्याज का, कई बार यह ब्याज मूल राशि से भी अधिक हो जाता है।
Home Loan: ले लिया है होम लोन और अब कम करना चाहते हैं उसका ब्याज! तो जानिए यह पांच असरदार टिप्स
खासकर तब जब होम लोन की अवधि लंबी हो या ब्याज दर बहुत ज्यादा। ऐसे में होम लोन लेने के बाद ब्याज को कम करना बेहद जरूरी हो जाता है। आजकल बाजार में इतने प्रकार के होम लोन उपलब्ध है कि ग्राहक बिना सोचे समझे होम लोन ले लेते हैं और फिर बड़ी EMI राशि के बोझ में दब जाते हैं।
आज हम आपको इसी बोझ से निजाद प्राप्त करने के पांच असरदार उपाय बताएंगे। आज हम आपको पांच ऐसे कारगर टिप्स बताएंगे जिससे आप होम लोन पर लगने वाले ब्याज को कम कर सकते हैं और अपने जीवन की वित्तीय स्थिति को पहले से ज्यादा सुरक्षित बना सकते हैं।
आइए जानते हैं होम लोन के ब्याज के बोझ को कम करने के पांच असरदार उपाय
ज्यादा से ज्यादा डाउन पेमेंट करें: यदि आप होम लोन लेते हैं और ब्याज के बोझ से बचना चाहते हैं तो हमेशा कोशिश करें कि डाउन पेमेंट में ज्यादा राशि चुका दें। ऐसे में लोन की राशि कम हो जाती है और उसी अनुपात में ब्याज दर भी घट जाता है।
अर्थात यदि आपने घर लेने के दौरान 30% की राशि डाउन पेमेंट के रूप में चुका दी है तो आपका लोन टू वैल्यू (loan to value) यानी ऋण अनुपात घट जाता है अर्थात डाउन पेमेंट जितना अधिक होता है ब्याज दर उतनी ही कम हो जाती है।
लोन की अवधि को रखें छोटा: लोन की अवधि जितनी ज्यादा लंबी होती है ब्याज की लागत उतनी ही बढ़ती जाती है। उदाहरण के रूप में यदि आपने 20 साल की अवधि को चुना तो 20 साल तक भुगतान करने के लिए ब्याज ज्यादा देना होगा। इसी क्रम में यदि आप इसे घटकर 10 साल कर देते हैं तो EMI भले ही थोड़ी बढ़ जाएगी परंतु ब्याज में कटौती हो जाएगी।
प्री पेमेंट और अतिरिक्त भुगतान: हमेशा होम लोन लेने के बाद कोशिश करें कि आप इस लोन को फोर क्लोज कर दे। अर्थात यदि आपके पास कहीं से अतिरिक्त धनराशि आती है तो उसे कहीं और निवेश करने से पहले कोशिश करें कि इससे लोन की प्री पेमेंट कर दें। प्री पेमेंट से लोन का मूलधन घट जाता है और ब्याज भी उसी अनुपात में कम हो जाता है। ऐसे में हमेशा लोन लेने से पहले फ्लोटिंग दर वाले होम लोन लें जो अतिरिक्त भुगतान पर पेमेंट चार्ज नहीं लेते।
क्रेडिट स्कोर को हमेशा रखें उच्चतम: यदि आपका क्रेडिट स्कोर कम होता है तो ब्याज दर बढ़ जाती है। ऐसे में हमेशा अपने सिविल स्कोर पर ध्यान दें, सिविल स्कोर को 700 के ऊपर का रखें ताकि आप की ब्याज दर कम हो जाए। वही सिबिल स्कोर बेहतर होने पर आपको कई बार EMI के भुगतान के लिए अतिरिक्त समय भी प्रदान किया जाता है और कोई जुर्माना नहीं लिया जाता।
बैलेंस ट्रांसफर: यदि होम लोन लेने के बाद आपको ऐसी किसी बैंक या NBFC के बारे में पता चलता है जो कम ब्याज दर पर होम लोन दिलाता है तो बैलेंस ट्रांसफर के विकल्प को चुनें। ऐसे में आपको केवल नए बैंक के प्रोसेसिंग शुल्क और अन्य चार्ज का भुगतान करना होता है परंतु आने वाले समय में हर EMI पर ब्याज दर कम हो जाती है यह एक दीर्घकालीन फायदे का सौदा होता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार यदि आप भी होम लोन के दीर्घकालिक ब्याज दर से बचना चाहते हैं तो हमारी बताई हुई उपरोक्त टिप्स का इस्तेमाल कर आप भी अपने ब्याज को कम कर सकते हैं और भविष्य में बेहतर वित्तीय गारंटी प्राप्त कर सकते हैं।
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