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How To deal with Teenagers : मनोचिकित्सक की इन आसान टिप्स को फॉलो कर पेरेंट्स जान सकेंगे टीनएजर्स बच्चों के मन की बात, जानिए कैसे

How To deal with Teenagers : मनोचिकित्सक की इन आसान टिप्स को फॉलो कर पेरेंट्स जान सकेंगे टीनएजर्स बच्चों के मन की बात, जानिए कैसे
How To deal with Teenagers : मनोचिकित्सक की इन आसान टिप्स को फॉलो कर पेरेंट्स जान सकेंगे टीनएजर्स बच्चों के मन की बात, जानिए कैसे

How To deal with Teenagers : मनोचिकित्सक की इन आसान टिप्स को फॉलो कर पेरेंट्स जान सकेंगे टीनएजर्स बच्चों के मन की बात, जानिए कैसे

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How To deal with Teenagers, Tips and Tricks: साइकेट्रिस्ट का कहना है कि टीनएज में हार्मोन्स में तेजी से बदलाव होते हैं। जिसकी वजह से टीनएजर्स का व्यवहार भी काफी बदल जाता है और वह मां बाप से भी अपने मन की बात शेयर करने में परहेज करते हैं।

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टीनएज में हार्मोन्स में तेजी से बदलाव होते हैं और टीनएजर्स को पेरेंट्स के सपोर्ट की जरूरत होती है ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों से बात करनी चाहिए।

How To deal with Teenagers, Tips and Tricks: बच्चों में 12 से 18 साल की उम्र टीनएज एक ऐसी उम्र है जिसमें बच्चों में हारमोंस का बदलाव बहुत तेजी से होता है। जिसकी वजह से बच्चों के व्यवहार बर्ताव में बहुत बदलाव होता है।

टीनएज में प्रवेश करते ही बच्चे की आदतों में सीधा सीधा असर देखने को मिलता है। ऐसे में बच्चे अक्सर अपने माता पिता से अपने मन की बात शेयर करने में परहेज करते हैं। कई बार बहुत सी ऐसी बातें अपने पैरंट्स से छुपा देते हैं। जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है।

ऐसी कंडीशन में पेरेंट्स का सपोर्ट उनके लिए बेहद जरूरी होता है। बच्चे अपनी परेशानियों को अपने माता-पिता से छुपाने लगते हैं। अपने पैरंट्स से बातचीत करना बंद कर देते हैं।

ऐसे में किशोरों की मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है और वह कई बार गलत कदम भी उठा लेते हैं। ऐसे में पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वह अपने बच्चे पर नजर बनाए रखें और उन्हें प्रॉपर अटेंशन दें।

How To deal with Teenagers, Tips and Tricks: टीनएज में कुछ लोग अपने पेरेंट्स से दूरी बनाने लगते हैं और अपनी फीलिंग्स को शेयर नहीं करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि पैरंट्स से बात करना उनके लिए नुकसानदायक होगा। फिर भी पेरेंट्स को लगातार अपने टीनएजर बच्चों से बातचीत करते रहना चाहिए।

टीनएजर बच्चों को सही मार्गदर्शन की जरूरत इसलिए होती है ताकि वह कोई ऐसी गलती या गलत राह पर ना जाएं, जिसका खामियाजा उन्हें ताउम्र चुकाना पड़े।

ऐसे में पेरेंट्स का सपोर्ट इस उम्र में बेहद जरूरी होता है, क्योंकि टीनएजर्स इमोशनली भी काफी बदलाव महसूस करते हैं। कई बार तो वे नेगेटिव पीयर प्रेशर का भी शिकार हो जाते हैं।टीनेजर्स को इन नेगेटिव आदतों से दूर रखने के लिए एक अहम योगदान रहता है।

How To deal with Teenagers, Tips and Tricks: 6 टिप्स से टीनएजर्स को करें डील

टीनएजर्स के साथ पेरेंट्स पॉजिटिव तरीके से बातचीत और बातों बातों में यह जानने की कोशिश करें कि आपका बच्चा आखिर क्यों आपसे बात करना पसंद नहीं करता है।

– जिन एक्टिविटीज को आप और टीनएजर दोनों ही पसंद करते हैं, अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में उन एक्टिविटीज को शामिल करें। ऐसे में आपकी आपके बच्चे के साथ स्ट्रांग बॉन्डिंग होगी।

– पेरेंट्स को अपने टीनएजर बच्चे के साथ बैठकर ही डिनर करना चाहिए, ऐसे में डिनर के साथ-साथ अब बच्चे के साथ थोड़ी बातचीत कर सकेंगे।

– टीनएजर्स के साथ प्रतिदिन पेरेंट्स को कुछ समय बिताना चाहिए, ऐसे में आपका बच्चा अकेला महसूस नहीं करेगा और आपसे बातें शेयर करने की कोशिश करेगा।

– पेरेंट्स अपनी जिंदगी में आए उतार-चढ़ाव के एक्सपीरियंस को यदि अपने बच्चे के साथ शेयर करेंगे तो उन्हें उससे सीख मिलेगी और वह अच्छाई के रास्ते को चुनने की कोशिश करेगा।

– टीनएजर्स को हमेशा एक पर्सनल स्पेस जरूर देना चाहिए क्योंकि पेरेंट्स की ज्यादा दखलअंदाजी टीनएजर्स को परेशान कर सकती है।

Written by newsghat

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