HP Cabinet Decisions: आपदा प्रभावितों को मिलेगा बढ़ा हुआ मुआवजा! गेस्ट-टीचर को लेकर भी आया फैसला, जानिए कैबिनेट के अहम निर्णय
HP Cabinet Decisions: राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने नर्सरी कक्षाओं और कक्षा-1 में प्रवेश के लिए आयु मानदंड को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बनाने का निर्णय लिया गया।
HP Cabinet Decisions: आपदा प्रभावितों को मिलेगा बढ़ा हुआ मुआवजा! गेस्ट-टीचर को लेकर भी आया फैसला, जानिए कैबिनेट के अहम निर्णय
आपदा प्रभावित क्षेत्रों शिमला जिले के समेज और रामपुर, कुल्लू जिले के जौन-बागीपुल और निरमंड तथा मंडी जिले के टिक्कम थालू-कोट को विशेष राहत पैकेज देने का निर्णय लिया। इस पैकेज के तहत प्रभावित परिवारों को उनके नुकसान के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा।
पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजा बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया जाएगा, जो पिछले साल आपदा प्रभावित परिवारों को दी गई राहत के अनुरूप 1.5 लाख रुपये था। मंत्रिमंडल उप समिति की सिफारिशों के अनुसार सीधी भर्ती में एसएमसी शिक्षकों (पीजीटी/डीपीई) के लिए 5 प्रतिशत एलडीआर कोटा शामिल करने को मंजूरी दी गई, जिसे शिक्षा विभाग के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में शामिल किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में 11 वर्ष का दैनिक एवं अंशकालिक सेवाकाल पूरा कर चुके लगभग 928 अंशकालीन जलवाहकों की सेवाओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रूप में नियमित करने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने शिमला जिले के सुन्नी में एक नया उपमंडल कार्यालय (नागरिक) खोलने तथा आवश्यक पदों के सृजन और भरने को मंजूरी दी।
सिरमौर जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा पाब, हल्लाह, थोटा जाखल, उतराई और नया पंजोर खोलने तथा आवश्यक पदों के सृजन और भरने को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में होम स्टे के संचालन के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है और हिमाचल प्रदेश होम स्टे नियम 2024 को अधिसूचित करने का निर्णय लिया है। नए प्रावधानों के अनुसार हिमाचल के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड स्थानीय निकायों या किसी अन्य विभाग से एनओसी प्राप्त करने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। हालांकि, उचित सीवरेज सिस्टम और कचरा निपटान तंत्र अनिवार्य होंगे। इसके अलावा, होम स्टे इकाइयों में वर्षा जल संचयन प्रणाली की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में जलविद्युत क्षेत्र पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार करने का फैसला किया।
इन प्रावधानों के तहत, सरकार 25 मेगावाट तक की उन परियोजनाओं का मूल्यांकन करेगी और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए नीति तैयार करेगी, जिनमें कोई स्पष्ट प्रगति नहीं दिखी है। राज्य में वर्तमान में ऐसी 700 से अधिक रुकी हुई परियोजनाएं हैं। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) ट्रस्ट नियम, 2016 में संशोधन करने का निर्णय लिया।
इसमें संशोधनों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों का स्पष्ट सीमांकन शामिल है और स्थानीय समुदायों को लाभ की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र की परिधि को 5 किमी से बढ़ाकर 15 किमी कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, नियमों में यह अनिवार्य किया गया है कि डीएमएफ निधि का कम से कम 70 प्रतिशत विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में उपयोग किया जाना चाहिए, जिसमें कम से कम 70 प्रतिशत निधि को उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आवंटित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। राज्य भर में सूखे पेड़ों के निपटान के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लागू करने को मंजूरी दे दी।
इस कदम का उद्देश्य सड़कों के किनारे गिरे या क्षतिग्रस्त पेड़ों को तुरंत हटाना और उनका प्रबंधन सुनिश्चित करना है। इसके अलावा डीएफओ को 50 पेड़ों तक के लॉट का प्रबंधन करने की शक्तियां देने का निर्णय लिया गया ताकि प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके, लागत को कम किया जा सके तथा स्कूल, अस्पताल, सड़क आदि जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके। मंत्रिमंडल ने तंबाकू उत्पादों पर कर की दर 4.50 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 6.75 रुपये प्रति किलोग्राम करने को मंजूरी दी।
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