HP Govt In Action: हिमाचल प्रदेश में 20 हजार भवन मालिकों को नोटिस जारी! कटेंगे बिजली पानी में कनेक्शन! आपका भी लग सकता है नंबर देखें अपनी स्थिति
HP Govt In Action: हिमाचल प्रदेश, जिसे भारत की ‘देवभूमि’ के रूप में जाना जाता है, वहां पिछले कुछ समय से अवैध भवन निर्माण का मुद्दा चर्चा में है।
प्रदेश में करीब 20,000 भवनों का अवैध निर्माण हुआ है। सरकार और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने इस पर गंभीरता से ध्यान दिया और इन मालिकों को नोटिस भेजा है।
HP Govt In Action: हिमाचल प्रदेश में 20 हजार भवन मालिकों को नोटिस जारी! कटेंगे बिजली पानी में कनेक्शन! आपका भी लग सकता है नंबर देखें अपनी स्थिति
प्राकृतिक आपदा, जैसे भूकंप, के चलते पहले भी कई अवैध भवन ढह चुके हैं, जिससे जान-माल की बड़ी हानि हुई है।
सरकार का मानना है कि अधिकांश लोग नियमों को नकारते हुए भवन निर्माण कर रहे हैं, जिससे संरचनाओं की मजबूती पर सवाल उठता है। अधिकतर मालिक नक्शे पास किए बिना ही निर्माण कार्य में जुटे हैं।
इससे जुड़ा एक और मुद्दा है कि अधिकांश निर्माण में उचित सामग्री और तकनीकी जानकारी की कमी है।
अधिकतर भवनों का निर्माण बिना इंजीनियरों की सलाह और गुणवत्ता पूर्ण सामग्री के किए गए हैं।
इसके परिणामस्वरूप, इन भवनों की स्थायिता पर संशय होता है और वे प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील होते हैं।
विभाग को इस मुद्दे पर हर दिन अनेक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। प्रदेश सरकार ने नगर निगम और नगर परिषद को भी निर्देशित किया है कि वे इस मुद्दे पर सख्ती से कार्रवाई करें।
अवैध निर्माण की समस्या से जुड़ी एक और चिंता है, और वह है जल-निकासी। बारिश का पानी अनेक घरों की छतों से बाहर आकर आस-पड़ोस के मकानों और उनकी नींव पर गिरता है, जिससे भवनों की स्थायिता में कमी आती है।
टीसीपी प्रधान सचिव देवेश कुमार और टीसीपी निदेशक केके सरोज ने भी इस पर अपनी चिंता व्यक्त की है और जोर दिया है कि अवैध निर्माण की स्थितियों को तुरंत सुधारना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में अनेक स्थलों पर इस तरह के अवैध निर्माण देखे जा रहे हैं जिससे स्थानीय जनता और पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।
प्राकृतिक आपदा से पहले ही कई भवन गिर चुके हैं, जिसका मुख्य कारण अनियमित और अवैध निर्माण है।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो लोग इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल हैं, उन्हें सख्त से सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, जिन भवन मालिकों ने नियमों और विधियों का पालन नहीं किया, उनके भवनों की बिजली और पानी की सेवाएं भी रोक दी जा सकती हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए निर्देश दिए हैं कि सभी अवैध निर्माणों की जांच हो और इस पर सख्ती से कार्रवाई की जाए।
सरकार का मानना है कि अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया जाएगा, तो भविष्य में और अधिक प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।
आखिरकार, हिमाचल प्रदेश में निवासी और सरकार को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा ताकि प्रदेश की प्राकृतिक सौंदर्य और संरचना को सहेजा जा सके।
सही मार्गदर्शन और सख्त क़ानूनी कार्रवाई से ही अवैध निर्माण की समस्या का समाधान संभव है।