HP News: गोविंद सागर में मछलियों के बीज डालने की प्रक्रिया शुरू! इस वित्तीय वर्ष में डाले जाएंगे 50 लाख बीज
HP News: मत्स्य विभाग ने गोविंद सागर झील में कोलकाता से लाई जा रही मछली के बीज डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं। इस वित्तीय वर्ष में गोविंद सागर झील के विभिन्न हिस्सों में 50 लाख से अधिक मछली के बीज डाले जाएंगे। यह जानकारी निदेशक मछली पालन विभाग विवेक चंदेल ने दी। उन्होंने बताया कि कोलकाता से विभिन्न खेप के माध्यम से पूरे महीने में गोविंद सागर झील में मछली के बीज डाले जाएंगे।
HP News: गोविंद सागर में मछलियों के बीज डालने की प्रक्रिया शुरू! इस वित्तीय वर्ष में डाले जाएंगे 50 लाख बीज
जिसकी पहले खेप में 2 ट्रैक के माध्यम से 5 से 8 लाख बीज शुक्रवार को बिलासपुर पहुंचने के पश्चात लुहनु मैदान के समीप गोविंद सागर झील में डाली गई। उन्होंने बताया कि गोविंद सागर झील में रोहू, कतला, मृगुल,सिल्वर क्रार्फ और ग्रास क्रार्फ सहित पांच मछली के किस्म की बीज डाले जाएंगे। लुहनु मैदान के पश्चात गोविंद सागर के ही भाखड़ा बांध, लठीयाना और रायपुर मैदान के पास बीज डाले जाएंगे।
निर्देशक विवेक चंदेल ने बताया कि बैरकपुर स्थित सिपरी इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए सर्वे के उनके सुझावों को मध्य नजर रखते हुए गोविंद सागर में 50 प्रतिशत से अधिक बीज सिल्वर क्रार्फ के डाले जाएंगे। उन्होंने बताया कि 2012-13 में गोविंद सागर झील में सिल्वर क्रॉप का प्रभाव था और इसका उत्पादन उत्पादन 1392 मेट्रिक टन हुआ था। जिसके पश्चात हर वर्ष सिल्वर क्रार्फ के प्रोडक्शन में गिरावट दर्ज किया गया और एक समय इसका उत्पादन 200 मीट्रिक टन तक पहुंच गया।
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जिसके चलते विभाग द्वारा रिसर्च करवाया गया और गत वर्षो में सिपरी इंस्टीट्यूट के सुझावों के अनुसार ही गोविंद सागर में बीज डाला गया है ताकि गोविंद सागर झील में सिल्वर क्रार्फ अपने पहले के उत्पादन के अनुसार ही स्थान प्राप्त कर सके और गोविंद सागर झील में अधिक से अधिक मछली का उत्पादन हो सके। गत वर्षो उत्पादन को देखते हुए पिछले वर्ष लगभग 8 मीट्रिक टन अधिक उत्पादन गोविंद सागर से हुआ है।
उन्होंने बताया कि मछली के बीज डालने के लिए ऑनलाइन माध्यम से टेंडर कराया गया था जिस प्रक्रिया में तीन व्यक्तियों का चयन किया गया है जिसमें पहले खेल बिलासपुर के अन्वेष कुमार को दिए गए टेंडर के अनुसार शुक्रवार को बिलासपुर पहुंच गया है और जल्द ही बाकी की खेप भी एक महीने के अंदर बिलासपुर पहुंच जाएगी।