HP Outsource Computer Teacher New Policy: सीएम सुक्खू ने आउटसोर्स कंप्यूटर शिक्षकों को लेकर कही ये बड़ी बात! 1300 कंप्यूटर शिक्षकों की समस्याओं का ऐसे होगा समाधान
HP Outsource Computer Teacher New Policy: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की कंपनियों को सौंपना नहीं चाहिए।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 1326 कंप्यूटर शिक्षक अब निजी कंपनियों के अधिन नहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री ने हाल ही में किए गए एक समझौते को रद्द करने के निर्देश दिए हैं।
HP Outsource Computer Teacher New Policy: सीएम सुक्खू ने आउटसोर्स कंप्यूटर शिक्षकों को लेकर कही ये बड़ी बात! 1300 कंप्यूटर शिक्षकों की समस्याओं का ऐसे होगा समाधान
मुख्यमंत्री ने जुलाई से वेतन में 2,000 रुपये की वृद्धि की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने शिक्षक भर्ती के सम्बंधित अटके हुए मामलों को जल्द से जल्द सुलझाने का वादा भी किया।
शिक्षकों को अगर कोई व्यवस्था नहीं मिलती है, तो उन्हें फिर से NIELIT कंपनी के अधीन रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने पांच निजी कंपनियों को ठेका देने की आलोचना की।
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कठोर आलोचना की। सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के आधार पर की जाती है।
बीते कई वर्षों से ये शिक्षक NIELIT कंपनी के अधीन थे। कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री ने इन शिक्षकों को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन के माध्यम से नियुक्त करने का निर्णय लिया।
लेकिन कॉरपोरेशन खुद कोई भर्ती नहीं करता है, इसलिए पांच निजी कंपनियों के अंतर्गत शिक्षकों का विभाजन किया गया। हाल ही में शिक्षकों की हाजिरी भी इन्हीं कंपनियों को भेजी गई।
कुछ कंपनियों ने शिक्षकों के वेतन से 2,000 से 4,000 रुपये कटौती कर दी। जब मामला बढ़ने लगा, तो शिक्षकों ने पता लगाया कि उन्हें ऐसी कंपनियों के हाथों में सौंपा गया है, जिनका इस क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं था। मंगलवार को शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपना पक्ष रखा।
कंप्यूटर शिक्षक मंगलवार की सुबह से शाम तक मुख्यमंत्री के आवास के बाहर ठहरे रहे।
प्रदेश के सभी जिलों से यहां आये हुए शिक्षकों की संख्या करीब 2,000 से अधिक थी। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपने दुःखद स्थिति का विस्तार से वर्णन किया और इस निर्णय के पुनर्विचार की मांग की।
मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे के गंभीरता को समझते हुए, शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मुद्दे की त्वरित समीक्षा करने का आदेश दिया। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि शिक्षकों की हाजिरी और वेतन विभाजन प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार करने के लिए उनकी सरकार का संकल्प अटल है, और वे इसे सुनिश्चित करेंगे कि किसी शिक्षक का अन्याय नहीं होता।