Insurance Claim : इंश्योरेंस क्लेम पाए बिना किसी परेशानी के, इन बातों का रखें ध्यान
जब आप बीमा पॉलिसी खरीदने जाते हैं तो बीमा करने वाला एजेंट आपको बड़े-बड़े क्लेम के बारे में बताता है। लेकिन एक पॉलिसी को लेना तभी सफल माना जाएगा जब आपको बिना किसी परेशानी के वह क्लेम मिल जाए।
अक्सर देखने में आता है कि लोगों का क्लेम एक बड़ी संख्या में रिजेक्ट कर दिया जाता है। तो आइए जानते हैं उन कारणों को जिनसे अक्सर क्लेम रिजेक्ट हो जाता है।
टर्म्स एंड कंडीशन को जाने
सामान्यतः यह देखा गया है कि लोग पॉलिसी लेते समय कंपनी की ओर से दी गई टर्म्स एंड कंडीशन को ध्यान से नहीं पढ़ते हैं। जिसका अफसोस उन्हें बाद में होता है यह एक बड़ी गलती होती है आपको हर चीज को ध्यान से चेक करना चाहिए और पढ़ना चाहिए।
दिए गए सभी पेपर्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए साथ ही बीमा कंपनियां बीमे से जुड़ी जानकारियां और बहुत सारी कंडीशन अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड करके रखते हैं। आप इनकी वेबसाइट पर आसानी से जाकर सभी टर्म्स एंड कंडीशन पढ़ सकते हैं। सभी कुछ ध्यान से पढ़ने के बाद ही किसी डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करने चाहिए।
अधिकांश बीमा एजेंट यह कहते हैं कि आप सिर्फ हस्ताक्षर कर दें। बाकी सारा काम मैं कर लूंगा लेकिन आपको इस तरह के बहकावे से बचना चाहिए और स्वयं उन सभी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ कर ही हस्ताक्षर करने चाहिए।
क्लेम करने में देरी
आपको क्लेम फाइल करने में समय नहीं करना चाहिए। अधिकांश कंपनियां दुर्घटना के घटित होने के 7 से 30 दिन का ही समय देती है। इसलिए आपको जितनी जल्दी हो सके घटना के तुरंत बाद ही क्लेम के लिए फाइल कर देनी चाहिए। जिससे की एक उचित प्रक्रिया के बाद आपको क्लेम जल्दी प्राप्त हो सके।
हेल्थ इंश्योरेंस
जब आप अपना हेल्थ इंश्योरेंस करवाने जाएं तो आपको आपकी सभी बीमारियों की जानकारी वहां देनी चाहिए। यदि विपरीत स्थिति में आप अपनी किन्ही बीमारियों के बारे में नहीं बताते हैं तो बाद में आपका क्लेम रिजेक्ट होने की संभावना है। इसलिए यह बात ध्यान रखना जरूरी है कि प्री एक्जिस्टिंग इलनेस के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं।
मोटर इंश्योरेंस
यदि बीमा करने के बाद आप अपनी गाड़ी में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन करवाते हैं। जैसे पेट्रोल कार से सीएनजी कार या अपनी कार के ढांचे में किसी प्रकार का और परिवर्तन करवाते हैं। तो आपको इसकी जानकारी बीमा कंपनी को अवश्य देनी चाहिए।
इस तरह की जानकारी कंपनी को अवश्य बतानी चाहिए जिससे कि भविष्य में आप का क्लेम रिजेक्ट ना हो। ध्यान रहे कुछ खास तरह के नुकसान बीमा कंपनी कवर नहीं करती है इसके लिए आपको अलग से ऐड-ऑन कवर्स करवाने की जरूरत होती है ताकि आपको भविष्य में कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े।
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