Loan Documents Rule: लोन डॉक्यूमेंट्स को लेकर बदल गए हैं नियम! ये जान लेंगे तो होगा फायदा ही फायदा! एक क्लिक में देखें पूरी डिटेल
Loan Documents Rule: कई बार ऐसा होता है कि कर्जदार होम लोन का पेमेंट कर देते है, फिर भी बैंक घर के रजिस्ट्री के पेपर वापस करने में लेट कर देता हैं।
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन देने वाले संस्थानों के लिए दिशा निर्देश जारी किया है कि बैंक का लोन चुकाए जाने के 30 दिन के अंदर लोगों को चल या अचल संपत्ति के पेपर वापस लौटा दिए जाएं।
यदि कोई बैंक या एनबीएफसी ऐसा नही कर पाता है, तब उसे रोजाना के हिसाब से ग्राहक को ₹5000 का जुर्माना देना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने 13 सितंबर को यह निर्देश जारी किया है।
Loan Documents Rule: लोन डॉक्यूमेंट्स को लेकर बदल गए हैं नियम! ये जान लेंगे तो होगा फायदा ही फायदा! एक क्लिक में देखें पूरी डिटेल
Loan Documents Rule: वर्तमान में होम लोन या पर्सनल लोन के सेटलमेंट के बाद भी लोन देने वाले संस्थान से क्लीयरेंस पाने के लिए महीनों तक वेट करना पड़ता है।
लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन देने वाले संस्थानों के ढीले रवैए के खिलाफ यह दिशानिर्देश जारी किया है, और इस निर्देश पर 1 दिसंबर 2023 से अमल शुरू करने की घोषणा किया है।
कर्ज लेने वाले लोगों के अधिकारों की सुरक्षा तथा कर्ज देने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने यह निर्देश जनता के हित को ध्यान में रखकर दिया हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा, “फेयर प्रैक्टिस कोड के तहत यह दिशा निर्देश जारी किया गया है। लोन देने वाले संस्थानों को यह निर्देश दिया जाता है कि लोन का पेमेंट होने और लोन अकाउंट के बंद होने के 30 दिन के अंदर लोगों की चल या अचल संपत्ति के दस्तावेज उन्हें वापस कर देना आवश्यक होगा।
अगर ऐसा नहीं होता तब उन्हें रोजाना लोन लेने वाले व्यक्ति को ₹5000 का हर्जाना देने की आवश्यकता पड़ सकता हैं।
लोन सेटलमेंट के दौरान दस्तावेज वापस करने की समय सीमा तथा जगह के बारे में लोन सेंक्शन लेटर में ही उल्लेख किया जाना अनिवार्य है।
यदि होम लोन लेने वाले व्यक्ति की होम लोन चुकाने से पहले ही डेथ हो जाती है तब लोन देने वाले संस्थान ओरिजिनल प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट को उनके कानूनी नॉमिनी को प्रदान कर सकता है।