

Loan Settlement or Loan Closure: क्या आप भी समाप्त करने जा रहे ऋण! जाने लोन सेटेलमेंट या क्लोजर आपके लिए कौन सा विकल्प है बेहतर
Loan Settlement or Loan Closure: जब हम किसी पर्सनल लोन को समाप्त करना चाहते हैं तो हमारे पास दो महत्वपूर्ण विकल्प होते हैं। एक होता है लोन सेटेलमेंट और दूसरा होता है लोन क्लोजर।

Loan Settlement or Loan Closure: क्या आप भी समाप्त करने जा रहे ऋण! जाने लोन सेटेलमेंट या क्लोजर आपके लिए कौन सा विकल्प है बेहतर
हालांकि दोनों की समानता यह होती है कि दोनों ही लोन को पूर्ण या आंशिक रूप से समाप्त करने के उपाय होते हैं। परंतु दोनों में बहुत बड़ा अंतर होता है। यह विकल्प आपके क्रेडिट स्कोर और बैंकिंग हिस्ट्री को प्रभावित करते हैं।
लोन समायोजन क्या होता है?
लोन समायोजन अर्थात लोन सेटेलमेंट तब होता है जब आप अपनी लोन की राशि और ब्याज इत्यादि नहीं चुका पा रहे। आप लोन प्रदाता कंपनी से बातचीत कर कम राशि में सेटलमेंट करने पर सहमति कर लेते हैं।

उदाहरण के लिए यदि आपने 2 लाख का ऋण ले लिया है और अब आर्थिक कठिनाई के चलते लोन नहीं चुका पा रहे हैं, EMI नहीं भर पा रहे हैं तो आप नो प्रॉफिट नो लॉस बेसिस पर 1 लाख रूपए देकर लोन समायोजन (Loan Settlement) का विकल्प चुन लेते हैं।
इस विकल्प से तुरंत राहत जरूर मिल जाती है परंतु इसके कई दुष्परिणाम होते हैं क्योंकि लोन सेटेलमेंट की वजह से आपका सिबिल स्कोर प्रभावित होता है, आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो जाती है और बाजार में आपकी वित्तीय स्थिति को प्रश्न चिन्ह के रूप में देखा जाता है।


लोन क्लोजर क्या होता है
लोन क्लोजर अर्थात वह समय जब आपने लिए हुए लोन की पूरी राशि, ब्याज और सभी शुल्क चुका दिए हैं। अब आपके ऊपर किसी प्रकार का कोई बकाया नहीं है। यह क्लोजर तभी संभव होता है जब आपने अब तक के सारे EMI समय पर चुकाए हों। लोन क्लोजर कई बार लुम्पसम फ्लोरक्लोजर से भी पूरा हो जाता है।

जब आपका लोन पूरा हो जाता है तो बैंक आपको नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट और लोन क्लोजर सर्टिफिकेट देता है जो यह बताता है कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री क्लीन है और आप बाजार में बेहतर वित्तीय स्थिति रखने वाले ग्राहक है।
लोन समायोजन और समापन में अंतर (Difference between Loan Settlement Loan Closure)
● लोन सेटेलमेंट में लोन लेने वाला पूरी राशि नहीं चुकाता।
● इसकी वजह से लोन लेने वाले पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
● लोन सेटेलमेंट करने पर भविष्य में कोई भी कंपनी या बैंक लोन देना जोखिम का सौदा मानता है।
● लोन सेटेलमेंट में लोन क्लोजर सर्टिफिकेट या NOC नहीं मिलता।
● इसके विपरीत लोन क्लोजर करने वाले ग्राहक का व्यवहार सकारात्मक देखा जाता है।
● ग्राहक को NOC जारी किया जाता है जिसकी वजह से उसके सिबिल स्कोर और क्रेडिट स्कोर पर कोई विपरीत ऐसा नहीं होता।
लोन सेटेलमेंट का विकल्प कब चुनना चाहिए ?
लोन सेटेलमेंट का विकल्प आपातकालीन स्थिति में एकमात्र विकल्प होता है। आमतौर पर ऐसे विकल्प अचानक नौकरी चले जाने, गंभीर बीमारी या व्यवसाय में बड़े नुकसान होने पर चुने जाते हैं। परंतु ऐसी स्थिति में यह सुनिश्चित करें कि आप इसकी शर्तों को अच्छी तरह से समझ ले, लिखित में सौदा करें और भविष्य में क्रेडिट स्कोर को सुधारने की दिशा में हर संभव कदम उठाएं।

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