Mutual Fund Investment: म्युचुअल फंड निवेश में न करें यह 5 गलतियां! नहीं तो उठाना पड़ेगा नुकसान
Mutual Fund Investment: आज के दौर में निवेश की दुनिया में म्युचुअल फंड एक प्रमुख और लोकप्रिय विकल्प बन चुका है। हर वर्ग का व्यक्ति समझ चुका है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करना ही समझदारी का काम है।
Mutual Fund Investment: म्युचुअल फंड निवेश में न करें यह 5 गलतियां! नहीं तो उठाना पड़ेगा नुकसान
म्युचुअल फंड की सबसे खास बात यह है कि यहां आप डायवर्सिफाइड प्रोफाइल, प्रोफेशनल मैनेजमेंट और लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न प्राप्त करते हैं। परंतु जब बात निवेश की आती है तो केवल पैसा लगाना ही काफी नहीं होता।

सही समझ और सोच के बिना किया गया निवेश कम लाभ तो देता ही है कई बार नुकसान का कारण भी बन जाता है। म्युचुअल फंड निवेश के दौरान भी निवेशक कुछ ऐसी ही आम सी दिखने वाली गलतियां कर देते हैं जो न दीर्घकालिक लाभ तो रोकती ही हैं म्युचुअल फंड की स्टेबिलिटी को भी खतरे में डालती हैं। आज के इस लेख में हम ऐसी ही 5 सामान्य लेकिन बड़ी गलतियों के बारे में जानेंगे और समझेंगे कि इन गलतियों से कैसे बचा जाए

म्युचुअल फंड निवेश के दौरान की जाने वाली 5 बड़ी गलतियां
बिना रिसर्च के निवेश करना: अक्सर देखा गया है कि लोग दूसरों की सलाह मानकर, सोशल मीडिया से प्रभावित होकर या किसी दोस्त की देखा देखी म्यूचुअल फंड में निवेश कर लेते हैं बिना यह देखें कि यह फंड उनकी जरूरत से मेल खाता है या नहीं। ऐसे में म्युचुअल फंड में निवेश करने से पहले हमेशा फंड का रिकॉर्ड ट्रैक करें, फंड मैनेजर की प्रतिष्ठा और उनके रिटर्न की स्थिति को देखें, जोखिम को परखें और उसके बाद ही अपनी आवश्यकता के अनुसार फंड का चयन करें।
केवल रिटर्न देखकर निवेश करना: ज्यादातर निवेशक रिटर्न देखकर निवेश आरंभ कर लेते हैं। आज जो फंड अच्छा रिटर्न दे रहा है जरूरी नहीं कि वह रिटर्न हमेशा ही टिका रहेगा। कई बार केवल बाजार की तेजी की वजह से ही रिटर्न आने लगता है जो की पूरी तरह से अस्थायी होता है। ऐसे में हमेशा कोशिश करें की लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस देखें, कम से कम 5 साल या 10 साल का औसत रिटर्न देखें और उसके बाद ही निवेश आरंभ करें।
घबराकर फंड बदल देना: कई निवेशक ऐसे होते हैं जो थोड़ी सी गिरावट आते ही फंड बेचकर या बदलकर अपना नुकसान कर लेते हैं। बाजार में उतार चढाव आना बहुत ही सामान्य सी बात है। परंतु घबराहट में निर्णय गलती का कारण बन सकता है। ऐसे में हमेशा म्युचुअल फंड में लॉन्ग टर्म निवेश योजना बनाएं और एक फंड को कम से कम 3 से 5 साल का समय दें। यदि बुनियादी रणनीति खराब नहीं है तो फंड कभी भी लॉस में नहीं जाएगा।
निवेश के उद्देश्य और सीमा का निर्धारण ना करना: कई निवेशक ऐसे होते हैं जो बढ़िया रिटर्न के नाम पर निवेश कर लेते हैं परंतु यह नहीं समझ पाते कि उन्हें किस उद्देश्य से निवेश करना है और निवेश की सीमा क्या है? ऐसे में वे अपना ही नुकसान कर बैठते हैं। इस नुकसान से बचने के लिए जरूरी है की सबसे पहले अपने निवेश का उद्देश्य सेट करें जैसे कि बच्चों की शिक्षा, रिटायरमेंट इत्यादि। इसके बाद निवेश की सीमा का निर्धारण करें और लॉन्ग टर्म निवेश करते हुए सही फंड का चयन करें।
बीच में SIP बंद कर देना: हम में से कुछ निवेशक ऐसे होते हैं जो मार्केट गिरने की वजह से SIP रोक लेते हैं। SIP रोकने की वजह से लॉन्ग टर्म कंपाउंडिंग का फायदा नहीं मिलता बल्कि पैसा डूब जाता है। SIP का फायदा हमेशा लगातार और लंबे निवेश के बाद ही मिलता है। बाजार जब ऊपर होते हैं तो फंड की वैल्यू बढ़ती है जब बाजार नीचे होते हैं तो NAV पर ज्यादा यूनिट खरीदे जाते हैं जो कि भविष्य में लाभ देते हैं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर म्युचुअल फंड में निवेश करना लगता बहुत आसान है परंतु इसमें की गई छोटी-मोटी गलतियां बहुत बड़े नुकसान का कारण बन सकती हैं। ऐसे में म्युचुअल फंड्स में निवेश करने से पहले हमेशा सतर्क रहें और स्थायी लाभ प्राप्त करने की कोशिश करें।

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