Paonta Sahib: किसानों-मज़दूरों ने सरकार से एमएसपी, रोजगार सहित निजीकरण पर सख्त कानून बनाने की उठाई मांग
Paonta Sahib: किसानों और मज़दूरों ने सरकार से कई अहम मुद्दों पर सुधार की मांग की है। उन्होंने एमएसपी की कानूनी गारंटी, रोजगार सुनिश्चित करने, और निजीकरण रोकने जैसी मांगें उठाई हैं।
Paonta Sahib: किसानों-मज़दूरों ने सरकार से एमएसपी, रोजगार सहित निजीकरण पर सख्त कानून बनाने की उठाई मांग
किसानों ने सी2+50% के फार्मूले पर आधारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी रूप से गारंटीकृत करने की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने ऋणग्रस्तता और किसान आत्महत्याओं को समाप्त करने के लिए व्यापक कर्ज़ माफी की अपील की।
मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन और पेंशन
मज़दूर संगठनों ने सभी श्रमिकों के लिए 26,000 रूपए मासिक न्यूनतम वेतन और 10,000 रूपए मासिक पेंशन की मांग की है। उन्होंने स्कीम वर्कर्स और अनुबंध मज़दूरों को भी इन लाभों में शामिल करने की अपील की।
निजीकरण और निगमीकरण का विरोध
विभिन्न संगठनों ने रेलवे, बिजली, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसे सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण को रोकने की मांग की। उन्होंने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) और प्रीपेड स्मार्ट मीटर को खत्म करने की अपील की।
महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा की मांग
महिला सशक्तिकरण और तेज़ न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने पर जोर दिया गया। दलितों, आदिवासियों, और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग भी रखी गई।
मनरेगा और फसल बीमा में सुधार
मनरेगा के तहत 200 दिनों का काम और 600 रूपए प्रतिदिन मजदूरी की मांग की गई। साथ ही, फसलों और मवेशियों के लिए सार्वजनिक बीमा योजना लागू करने की अपील की गई।
भूमि अधिग्रहण और कृषि सुधारों पर जोर
उन्होंने अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण रोकने और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 और वन अधिकार कानून को लागू करने की मांग की। साथ ही सभी को सामाजिक सुरक्षा और उन लोगों के लिए 10,000 रूपए मासिक पेंशन की मांग की गई, जो किसी योजना में शामिल नहीं हैं।
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