Paonta Sahib: सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में आखिर क्यों भड़की आशा वर्कर्स! बीएमओ से मिलकर कही ये बड़ी बात! एक क्लिक पर देखें क्या है पूरा मामला…
Paonta Sahib: मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में अपना अहम योगदान देने वाली और कोरोना वॉरियर का खिताब हासिल करने वाली आशा वर्कर्स ने MCH की सुपरवाइजर पर अभद्र व्यवहार के आरोप लगाये हैं।
Paonta Sahib: सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में आखिर क्यों भड़की आशा वर्कर्स! बीएमओ से मिलकर कही ये बड़ी बात! एक क्लिक पर देखें क्या है पूरा मामला…
इस बाबत आशा वर्कर्स ने बीएमओ को भी एक लिखित शिकायत देकर कहा है कि पाँवटा सिविल अस्पताल के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विंग में उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है।
पांवटा साहिब की अर्बन आशा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर के एल भगत को शिकायत सौंपी है जिसमें उन्होंने MCH सुपरवाइजर द्वारा किए जा रहे अभद्र व्यवहार पर कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि MCH में वह पिछले 7 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही हैं पहली बार ऐसा है जब आशाओं के साथ अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है उन्हें अपमानित किया जा रहा है।
आशा कार्यकर्ताओं को MCH आने से सुपरवाइजर द्वारा मना किया जा रहा है आशा कार्यकर्ताओं को उनके वार्ड से जो गर्भवती महिलाएं, बच्चे या उनके परिजन आते हैं उनके सामने भी बेइज्जत किया जा रहा है ।
आशा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाए कि Mch में आने वाली अधिकतर लोग गरीब तबके से आते हैं जिनमें गर्भवती महिलाओ, बच्चों उनके परिजनों के साथ भी दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि MCH में आई नई सुपरवाइजर द्वारा आशा कार्यकर्ताओं में मोटी पतली आशा कार्यकर्ताओं पर शरीर को लेकर अभद्र टिप्पणियां की जा रही है।
उन्हें बार-बार अभद्र शब्दों से प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें एहसास करवाया जा रहा है कि हम Mch का हिस्सा नहीं है। उन्हें यहां आने की आवश्यकता नहीं है।
आशा कार्यकर्ताओं ने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर केएल भगत से शिकायत करते हुए पूछा है कि क्या वह MCH और स्वास्थ्य विभाग का हिस्सा है या नहीं उन्हें इस बात का लिखित में जवाब दिया जाए और आशा कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार करने वाली सुपरवाइजर पर तुरंत कार्रवाई करते हुए भविष्य में उनके सम्मान की रक्षा की जाए।
बता दे की MCH वह जगह है जहां पर गर्भवती महिलाओं को 9 माह तक अलग अलग बीमारियों से बचाव के लिए इंजेक्शन लगाए जाते हैं और आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से दवाएं बांटी जाती है।
Mch में ही जन्म से लेकर 5 साल तक के बच्चों को वैक्सीनेट किया जाता है आशाओं का काम होता है कि कांउसलिंग कर फील्ड से गर्भवती महिलाओं उनके बच्चों को अस्पताल तक भेजें ताकि उन्हें सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। बता दे की आशा कार्यकर्ताओं के करण ही आज जच्चा और बच्चा की मौत का प्रतिशत जीरो की और बढ़ रहा है।
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ केएल भगत को शिकायत सौंपते हुए आशा कार्यकर्ताओ में मिलन, जसविंदर, अनीता, वर्षा, सोनू, पूनम, ज्योति, रुबीना, सोनिया आदि उपस्थिति रही।