Paonta sahib :हिमाचल में किसानों पर बिजली दरों का बोझ, किसान यूनियन का कड़ा विरोध
हिमाचल प्रदेश में किसानों पर बिजली दरों की मार पड़ी है। भारतीय किसान यूनियन ने राज्य सरकार के ट्यूबवैल बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी के फैसले की कड़ी निंदा की है। यूनियन इसे किसान विरोधी कदम बता रही है।
सरकार ने कृषि ट्यूबवैल की बिजली दरों में 333% तक की वृद्धि की है। यह फैसला मैदानी क्षेत्रों के किसानों के लिए बड़ा झटका है। पुरानी नहरों की मरम्मत न होने से किसानों ने भारी खर्च पर बोरवेल लगवाए थे।
किसान यूनियन ने इस बढ़ोतरी का विरोध करने का ऐलान किया है। उन्होंने बिजली विभाग को खेतों में मीटर रीडिंग के लिए प्रवेश रोकने की चेतावनी दी है। यूनियन ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
हालांकि, सरकार ने आंशिक राहत दी है, लेकिन बिजली दरें अब भी पहले से तीन गुना ज्यादा हैं। यूनियन का कहना है कि पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर हिमाचल में भी किसानों को मुफ्त बिजली दी जानी चाहिए।
किसानों की अन्य समस्याओं के समाधान के लिए यूनियन ने किसान कल्याण बोर्ड के गठन की मांग की है। इसमें किसानों को सदस्य बनाकर उनकी समस्याओं पर चर्चा और समाधान की बात कही गई है।
भारतीय किसान यूनियन के केंद्रीय नेता राकेश टिकैत को इस मुद्दे की जानकारी दे दी गई है। वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी से इस पर चर्चा करेंगे। यूनियन ने कहा कि कांग्रेस ने किसान हितैषी नीतियों का वादा किया था, लेकिन अब उसका शासित राज्य किसान विरोधी फैसले ले रहा है।
किसानों ने सरकार से तत्काल इस बढ़ोतरी को वापस लेने और उनकी मांगों पर ध्यान देने का अनुरोध किया है।