SBI Credit Card: एसबीआई कार्ड्स को क्यों हुआ 2 लाख का जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला
SBI Credit Card: एसबीआई कार्ड्स और पेमेंट सर्विसेज पर दिल्ली की एक कंज्यूमर कोर्ट ने 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस फैसले का कारण था कि कंपनी ने एक ग्राहक के क्रेडिट कार्ड को कैंसिल करने के बावजूद उसे लगातार बिल भेजा था।
SBI Credit Card: एसबीआई कार्ड्स को क्यों हुआ 2 लाख का जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला
SBI Credit Card: ग्राहक की शिकायत
एम जे एंथनी, एक पूर्व पत्रकार और इस मामले के शिकायतकर्ता, ने दावा किया कि उन्होंने अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग 9 अप्रैल 2016 के बाद से नहीं किया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कार्ड को कैंसिल कराने के लिए आवेदन भी किया था और सितंबर 2016 में उन्हें कार्ड कैंसिल करने का लेटर भी मिल गया था।
लेकिन, एंथनी के मुताबिक, कुछ समय बाद SBI कार्ड्स की तरफ से उनके रजिस्टर्ड मेल पर बिल आना शुरू हो गए। उन्होंने इन बिलों को नजरअंदाज किया, क्योंकि उनका कोई भी बाकी भुगतान नहीं था।
SBI Credit Card: कंज्यूमर कोर्ट में मामला
एंथनी ने इस मामले की शिकायत कंज्यूमर कोर्ट में की और सम्पूर्ण मामला उनके सामने रखा। उन्होंने कोर्ट से यह बताया कि कार्ड बंद कराने के बावजूद, उन्हें लगातार बिल भेजकर परेशान किया जा रहा था।
इसके साथ ही, उन्हें संघर्ष करना पड़ा क्योंकि कंपनी ने उन्हें RBI के विलफुल डिफॉल्टर्स CIBIL सिस्टम में ब्लैकलिस्ट कर दिया था। इसके परिणामस्वरूप, वे 20 साल से चल रहे अपने बैंक से भी नया क्रेडिट कार्ड प्राप्त नहीं कर सके।
क्रेडिट कार्ड की समय सीमा समाप्त होने के बावजूद, ग्राहक को लगातार बिल और उसमें लेट-फीस व जुर्माना जोड़ते जाने के इस मामले को कंज्यूमर कोर्ट ने गंभीरता से लिया। उन्होंने एंथनी की शिकायत को मान्यता दी।
SBI Credit Card: मोनिका ए श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली अदालत ने एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट्स सर्विसेज पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
कोर्ट की ओर से कहा गया कि शिकायतकर्ता को सेवा देने में असमर्थ रहने और उसकी परेशानियों को हल करने की असमर्थता को देखते हुए, कंपनी की ओर से ग्राहक की शिकायतों को उचित तरीके से संभालने की कमी दिखाई दी।
अदालत ने कंपनी को जुर्माना के अलावा, एंथनी को उनकी अधिकृत ब्याज दर के साथ 50,000 रुपये की मुआवजा राशि देने का आदेश दिया।
अदालत ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि, यदि किसी ग्राहक को अनचाहे या अवांछित बिलों का सामना करना पड़े, तो उसे उसके अधिकारों के प्रति सतर्क रहना चाहिए।
ग्राहक को संभावित परेशानियों से बचने के लिए, समय रहते सेवा प्रदाता के साथ संपर्क करना और यदि आवश्यक हो, तो न्यायिक मार्ग का सहारा लेना चाहिए।