Sirmour News: जिला अंतर एजेंसी ग्रुप व आपदा प्रबंधन विभाग ने “सुरक्षित भवन निर्माण” विषय पर आयोजित की एक दिवसीय कार्यशाला
Sirmour News: जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सिरमौर एवं श्रद्धा स्वयंसेवी संगठन, पांवटा साहिब द्वारा पांवटा साहिब में अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस-13 अक्टूबर के उपलक्ष्य में समर्थ-2024 के अंतर्गत एक कार्यशाला का आयोजन आज किया गया। इस दौरान जिला अंतर एजेंसी ग्रुप के कन्वीनर मदन शर्मा द्वारा इस कार्यशाला का संचालन किया गया।
Sirmour News: जिला अंतर एजेंसी ग्रुप व आपदा प्रबंधन विभाग ने “सुरक्षित भवन निर्माण” विषय पर आयोजित की एक दिवसीय कार्यशाला
सिरमौर में सभी विकास खंडों के स्वयंसेवी संगठन, जो कि जिला अंतर एजेंसी ग्रुप के सदस्य भी हैं वह इस कार्यशाला में उपस्थित हुए। कार्यक्रम को प्रयोग स्वरूप तथा वर्चुअल दोनों माध्यम से जिला के सभी विकास खंडों के सदस्यों को जोड़ा गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत व अध्यक्षता करते हुए मदन शर्मा ने सभी सदस्यों का स्वागत किया व आज की इस कार्यशाला के संबंध में विस्तृत रूप से प्रस्तुतिकरण दिया।
विषय विशेषज्ञ एवं मुख्य वक्ता के रूप में प्रभारी, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सिरमौर राजन कुमार शर्मा ने बताया कि जिला सिरमौर में वर्ष 2022 और 2023 में दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण भयंकर नुकसान देखने को मिला था। उन्होंने सुरक्षित भवन निर्माण के संबंध में सभी गैर सरकारी संगठनों से आग्रह किया व कहा कि भूकंप किसी की जान नहीं लेते बल्कि असुरक्षित भवन लोगों की जान व माल के नुकसान का कारण बनते हैं।
उन्होंने 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आए भयंकर भूकंप के संबंध में भी विस्तृत रूप से चर्चा प्रतिभागियों के साथ की। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि जिले में स्वयंसेवी संगठनों का अहम रोल होता है एवं किसी भी प्रकार की आपदा के दौरान यह संगठन धरातल से जुड़कर लोगों की सहायता करने के लिए सक्षम होते हैं।
उन्होंने जिला के विभिन्न प्रकार की संभावित आपदाओं जैसे की भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, जंगल की आग, घरेलू आग, सांप का काटना, कुत्ते का काटना, बादल फटना व बिजली गिरना आदि विभिन्न प्रकार की चिन्हित मानवीय एवं प्राकृतिक आपदाओं पर बल दिया। उन्होंने बताया कि इसके लिए स्थानीय स्तर पर लोगों को आपदा से पूर्व, दौरान एवं बाद में विभिन्न प्रकार की तैयारी एवं जन-जागरूकता अभियानों के माध्यम से स्वयं एवं अपने आसपास के समुदायों को भी प्रशिक्षित करना होगा।
वर्तमान में सुरक्षित भवन निर्माण समय की मांग है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में भूकंप जोन 4 एवं 5 अति संवेदनशील श्रेणी में आते हैं, उन्होंने समस्त प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अपने आसपास के लोगों को भूकंपरोधी भवन निर्माण बनाने संबंधी प्रोत्साहित करें।
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