Sirmour News: सिरमौर में बेटियों के अनुपात को चौंकाने लेकर वाली रिपोर्ट आई सामने! डीसी सुमित खिमटा ने बताई ये बड़ी बात! देखें रिपोर्ट में क्या है खास
Sirmour News: उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने कहा है कि यद्यपि पहले के मुकाबले वर्तमान में समाज में बेटियों के जन्म के प्रति बहुत बड़ा और सकारात्मक दृष्टिकोण देखने को मिल रहा है।
किन्तु यदि हम लिंग अनुपात के आंकड़ों पर दृष्टि दौड़ाएं तो यह आंकड़े चिंताजनक है।
Sirmour News: सिरमौर में बेटियों के अनुपात को चौंकाने लेकर वाली रिपोर्ट आई सामने! डीसी सुमित खिमटा ने बताई ये बड़ी बात! देखें रिपोर्ट में क्या है खास
उन्होंने कहा कि सिरमौर जिला का औसत लिंग अनुपात 940 के आसपास है, इसलिए हम सभी को मिलकर इस दिशा में और अधिक बेहतर तथा ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है।
उपायुक्त सुमित खिमटा गत सांय नाहन में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यबल की जिला सिरमौर की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सिरमौर जिला में लिंगानुपात की बात की जाये तो पांवटा साहिब बाल विकास खंड में लिंगानुपात 937, नाहन में 975, शिलाई में 890, संगड़ाह में 934, राजगढ़ में 959, पच्छाद में 940 है।
उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभागों के साथ समाज को भी जिला में बेटियों के लिंगानुपात में बढ़ौतरी करने के लिए बेहतर प्रयास करने चाहिए।
उपायुक्त ने जिला में पीएनडीटी अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए स्वास्थ्य, पुलिस और अन्य सम्बन्धित विभाग को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सिरमौर जिला का काफी भाग अंतर्राज्यीय सीमा से लगता है, इसलिए हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हमारे आसपास कहीं पीएनडीटी अधिनियम का दुरूपयोग तो नहीं हो रहा है। इसके लिए उन्होंने पंचायत और आंगनबाड़ी स्तर पर सतर्कता बरतने के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा कि हमेंय संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों को जागरूकता करना चाहिए। संस्थागत प्रससव से जच्चा और बच्चा के स्वास्थ्य की उचित देखभाल के साथ सरकार और विभाग की ओर से मिलने वाले प्रोत्साहन का उचित लाभ भी पात्र परिवार को मिल सकता है।
सुमित खिमटा ने जिला की सभी 259 पंचायतों और 1486 आंगनबाड़ी केन्द्रों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं सम्बन्धी पोस्टर और जागरूकता बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग को इस दिशा में उचित पग उठाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत नुक्कड़ नाटकों, भाषण प्रतियोगिताओं, रैलियों आदि जागरूकता कार्यक्रमों का समय-समय पर आयोजन किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत एक महिला को पहले दो जीवित बच्चों के लिए नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में 3175 पात्र लाभार्थियों को 1.36 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करवाई गई है।
इसी प्रकार बेटी है अनमोल योजना के तहत बेटी के जन्म पर 21 हजार रुपये की धनराशि की पोस्ट आफिस में एफ.डी. भी करवाई जाती है जो कि बेटी के 18 वर्ष पूर्ण होने पर उसे प्रदान की जाती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस सुनील शर्मा ने बैठक का संचालन करते हुए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की संपूर्ण जानकारी प्रदान की।
जिला परिषद अध्यक्ष सीमा कन्याल, पीओ डीआरडीए अभिषेक मित्तल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अजय पाठक, जिला कल्याणा अधिकारी विवेक अरोड़ा, उप निदेशक उच्च शिक्षा कर्म सिंह, उप पुलिस अधीक्षक मीनाक्षी शाह, प्रधानाचार्य डाईट राजीव ठाकुर के अलावा विभिन्न खंडों के बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।