Success Story: ऐसे उत्तराखंड की अंकिता तोपाल ने पैरों से लिखकर JRF परीक्षा में 2nd रैंक हासिल! दिव्यांग बेटी ने रचा इतिहास
Success Story: उत्तराखंड की रहने वाली अंकिता तोपाल दिव्यांग होने के बावजूद भी जेआरएफ की परीक्षा में सेकंड रैंक हासिल करके इतिहास में अपनी पहचान बनाई है।
बता दे कि , अंकिता जन्म से ही दिव्यांग है उसके दोनों हाथ नहीं है फिर भी उसके जज्बों में इतनी जान थी कि उसने अपने पैरों से लिख जेआरएफ की परीक्षा में दूसरा रैंक हासिल किया है जिसके लिए उसने दो साल लगातार तैयारी की है।
वो कहते हैं न ‘हाथों की लकीरों पर भरोसा मत करना, क्योंकि तकदीरें तो उनकी भी होती है, जिनके हाथ नहीं होते’। इस धरती पर हर इंसान अपनी तकदीर लिए आया है बेशक किसी के हाथ ना हो फिर भी उसकी तकदीर तो भगवान ने उसके माथे पर लिखी है।
अंकिता की कहानी
उत्तराखंड के चमोली स्थित डिडोली गांव की रहने वाली अंकिता तोपाल ने एक मिसाल कायम करते हुए औरों को भी यह प्रेरणा दी है कि क्या हुआ अगर मेरे हाथ नहीं है लेकिन मेरे मन में कुछ कर दिखाने की चाहत ने ही मुझे इस सफलता को हासिल करने में मदद की है। ऐसे में दिव्यांग होने के बाद न केवल अंकिता ने जेआरएफ की परीक्षा पास की है बल्कि ऑल इंडिया में दूसरा रैंक हासिल किया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक
यूं तो अंकिता जन्म से ही दिव्यांग है क्योंकि अंकिता के दोनों ही हाथ बचपन से नहीं है उन्होंने अपने पांव को ही हाथ बनाकर सफलता की एक नई कहानी लिखी है, उन्होंने इस परीक्षा के लिए दो साल तक जीन-जान लगाकर तैयारी की थी।
परिवारिक कहानी
बता दे कि अंकिता के पिता तोपाल टिहरी जिले में स्थित आईटीआई में इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम करते हैं।
बात यदि अंकित की करें तो उन्होंने देवाल विकासखंड से 10वीं और ऋषिकेश से अपनी 12वीं की परीक्षा पास की है, उसके बाद में हर स्टडी के लिए देहरादून गई।
अंकिता ने हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट है और अब जेआरएफ की परीक्षा पास कर एक उपलब्धि हासिल कर पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया है।इससे ना केवल परिवार वाले खुश हैं बल्कि पूरे इलाके में खुशी का माहौल है।