Swiggy vs Zomato: फूड डिलीवरी की इस रेस में कौन मारेगा बाजी? स्विगी ने शेयर बाजार में रखा कदम, निवेशकों के लिए क्या है उम्मीदें?
Swiggy vs Zomato: फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने बुधवार को शेयर मार्केट में 7% प्रीमियम पर एंट्री की। हालांकि, यह प्रीमियम जोमैटो के लिस्टिंग गेन की तुलना में कम था।
स्विगी के शेयरों ने शुरुआती मजबूती के बाद थोड़ी गिरावट दर्ज की। इस रिपोर्ट में जानें, स्विगी की लिस्टिंग से जुड़ी प्रमुख बातें और बाजार में इसके प्रदर्शन का आकलन।
Swiggy vs Zomato: फूड डिलीवरी की इस रेस में कौन मारेगा बाजी? स्विगी ने शेयर बाजार में रखा कदम, निवेशकों के लिए क्या है उम्मीदें?
स्विगी की मजबूत शुरुआत, लेकिन जोमैटो से पीछे
स्विगी के आईपीओ की शुरुआत इश्यू प्राइस 390 रुपये से 7% अधिक 418 रुपये पर हुई। हालांकि, जोमैटो की लिस्टिंग गेन की तुलना में स्विगी की शुरुआत थोड़ी धीमी मानी जा रही है।
जोमैटो ने जब अपना आईपीओ जारी किया था, तब उसे शानदार लिस्टिंग प्रीमियम मिला था, जबकि स्विगी की लिस्टिंग थोड़ी कमजोर साबित हुई।
दिन भर की ताजा खबरों के अपडेट के लिए इस लिंक को क्लिक कर Whatsapp पर Newsghat Media चैनल फ़ॉलो करें
शेयर प्राइस में उतार-चढ़ाव, निवेशकों में उत्सुकता
शुरुआती लिस्टिंग के बाद स्विगी के शेयरों में हल्का उतार-चढ़ाव देखने को मिला। पहले दिन 7% प्रीमियम के बावजूद शेयर जल्द ही 400 रुपये के आसपास आ गए। कुछ निवेशकों ने जल्द मुनाफा बुक करते हुए शेयर बेचे, जिससे कीमत पर असर पड़ा।
विश्लेषकों की राय: जोमैटो के मुकाबले कम बाजार हिस्सेदारी
मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि स्विगी को जोमैटो की तुलना में अपनी जगह बनाने में समय लगेगा। जोमैटो की भारतीय बाजार में मजबूत पकड़ और बड़ी बाजार हिस्सेदारी के कारण स्विगी को मुकाबला कड़ा करना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि स्विगी का घाटे में चलना भी निवेशकों को सतर्क रहने का संकेत देता है।
स्विगी का भविष्य: संभावनाएं और चुनौतियां
स्विगी ने मार्केट में अपनी उपस्थिति तो दर्ज कराई है, लेकिन कंपनी को लाभ की स्थिति में आने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, स्विगी को ग्राहकों के साथ अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी और ऑपरेशनल कॉस्ट को कम करना होगा, ताकि कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन सुधर सके।
क्या स्विगी में निवेश सुरक्षित है?
विश्लेषकों ने नए निवेशकों को सलाह दी है कि वे फिलहाल सावधानी बरतें। स्विगी की ग्रोथ पोटेंशियल जरूर है, लेकिन कंपनी के मौजूदा घाटे और जोमैटो की तुलना में कमजोर स्थिति के कारण निवेशकों को जोखिम समझकर ही आगे बढ़ना चाहिए।
स्विगी बनाम जोमैटो: एक तगड़ा मुकाबला
भारतीय फूड डिलीवरी सेक्टर में अब स्विगी और जोमैटो के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।
दोनों कंपनियां ग्राहकों को बेहतर सेवा देने और ऑर्डर वॉल्यूम बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रमोशनल ऑफर्स का सहारा ले सकती हैं।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि इस मुकाबले का फायदा ग्राहकों को मिलेगा, क्योंकि उन्हें अधिक विकल्प और बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
निवेशकों के लिए सलाह
जो लोग स्विगी में दीर्घकालिक निवेश की सोच रहे हैं, उनके लिए यह एक जोखिम भरा निर्णय हो सकता है। स्विगी को मुनाफा अर्जित करने में समय लग सकता है, और यह कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
हालांकि, जो निवेशक अपनी जोखिम क्षमता को देखते हुए निवेश करते हैं, वे इस स्टॉक पर अपनी नजर बनाए रख सकते हैं।
जान लें कि स्विगी की लिस्टिंग ने निवेशकों के बीच हलचल तो मचाई है, लेकिन जोमैटो जैसी सफलता हासिल करने के लिए इसे कई मोर्चों पर मेहनत करनी होगी।