अवैध स्पिरिट की सप्लाई करने वालों पर बड़ी कार्रवाई, सेनिटाइजर की आड़ में चल रहा था अवैध स्पिरिट का धंधा
संयुक्त आयुक्त उज्जवल राणा के नेतृत्व में टीम ने कालाअंब में दी दबिश
कालाअंब पुलिस थाना ने करवाई शिकायत, उच्च अधिकारियों कार्यों को भेजी रिपोर्ट
आज शाम पत्रकार वार्ता में संयुक्त आयुक्त ने किया खुलासा
राज्य कर एवं कराधान विभाग की एक टीम ने सिरमौर जिला के क्षेत्र कालाअंब में सैनिटाइजर की आड़ में अवैध स्पिरिट (ENA) की सप्लाई करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है।
विभाग के मंडी जोन के संयुक्त आयुक्त उज्जवल राणा के नेतृत्व में विभागीय टीम ने यहां की एक औद्योगिक इकाई में दबिश देखकर मामले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में विभाग ने कालाअंब पुलिस थाना में शिकायत भी दर्ज करवाई है। साथ पूरे मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है।
शुक्रवार शाम जिला मुख्यालय नाहन में पहुंचकर संयुक्त आयुक्त उज्जवल राणा ने विभागीय टीम की मौजूदगी में आयोजित पत्रकारवार्ता में मामले से जुड़ी विस्तार से जानकारी दी।
मीडिया को संबोधित करते हुए राज्य कर एवं कराधान विभाग मंडी जोन के संयुक्त आयुक्त राणा ने बताया कि जिला मंडी स्थित गोवर्धन बॉटलिंग प्लांट में निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं की कड़ियों को जोड़ते हुए और ऑनलाइन डाटा द्वारा ई वे बिलो (GST) की जांच करते हुए विभाग ने जिला सिरमौर के कालाअंब स्थित एक औद्योगिक परिसर डच फार्मूलेशन में विभागीय टीम ने निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान पाया गया कि परिसर में किसी भी प्रकार का कोई उत्पाद तैयार नहीं किया जा रहा था। साथ ही उक्त इकाई के पास ड्रग अथॉरिटी द्वारा कोई लाइसेंस भी जारी नहीं किया गया है।
इस यूनिट ने वर्ष 2020-21 में 8.06 करोड़ रूपए की परचेज ई वे बिलो में की है और करीब 477 करोड़ रूपए की बिक्री दिखाई है, जोकि दोनो में कुल अंतर 3.39 करोड़ रुपए बनाता है, जिसका कोई भी स्टॉक परिसर में नहीं पाया गया।
संयुक्त आयुक्त ने बताया कि इसी कंपनी की एक अन्य फर्म डेनिश लैब हरियाणा के अंबाला में है। इस फर्म के भी ई वे बिल चेक किए गए। इस दौरान पाया गया कि इस फर्म ने सीएमओ धर्मशाला को हैंड सैनिटाइजर की 4 खेप नवंबर व दिसंबर 2021 में भेजे गए।
इसी तरह इसी फर्म ने हैंड सैनिटाइजर की 3 खेप राजीव गांधी आयुष मेडिकल कॉलेज पपरोला को भी भेजे। इन सभी की कीमत 51 लाख रुपए है।
उज्ज्वल राणा ने बताया कि इसके अतिरिक्त मैसर्स डच फॉर्मूलेशन कालाअंब ने भी हैंड सैनिटाइजर की एक खेप पपरोला कॉलेज को भेजी है, जिसकी कीमत 7.50 लाख है।
उन्होंने बताया कि कालाअंब की फर्म को समय दिए जाने के बावजूद भी किसी तरह की डिटेल विभाग को उपलब्ध नहीं करवाई गई। लिहाजा विभाग ने यह सारा डेटा ई वे बिल सिस्टम से निकाला है।
जब इसकी दोनों विभागों से जांच पड़ताल करवाई, तो उन्होंने लिखित में सूचित किया कि उन्होंने ऐसी कोई भी सप्लाई नहीं मंगवाई है और न ही प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि यह व्यापारी ENA का कारोबार भी करते है।
कुल अवैध सप्लाई 58.50 लाख रुपए की है, जिससे लगभग एक लाख बल्क लीटर स्पिरिट खरीदी जा सकती है। यहीं नहीं लगभग 37 से 40 हज़ार पेटी शराब का उत्पादन किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इससे ऐसा प्रतीत होता है कि ल उक्त फर्मो द्वारा हैंड सेनीटाइजर सप्लाई करने की आड़ में स्पिरिट की आपूर्ति की जा रही थी।
उज्जवल राणा ने बताया कि कालाअंब की संबंधित फर्म के खिलाफ विभाग द्वारा आगामी कार्रवाई करते हुए कालाअंब पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है। इस मौके पर सिरमौर जिला के सहायक आयुक्त राणा प्रीतपाल सिंह व टीम के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।