आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी पति को अदालत ने सुनाई 7 वर्ष के कारावास की सजा
सिरमौर की अतिरिक्त जिला एवं एत्र न्यायाधीश डॉ अबीरा बासु की अदालत ने बुधवार को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी आनंद सिंह निवासी फरीदा, जिला गाजीपुर यूपी को दो अलग-अलग धाराओं 201 और 306 के तहत दोषी करार देते हुए 7-7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही दोषी को 30 हजार रुपए जुर्माना भी अदा करना होगा। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक माह का अतिरिक्त कठोस कारावास भुगतना पड़ेगा।
अदालत में सरकार की तरफ से मामले की पैरवी उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने की।
उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 25 जून 2010 श्याम राज सिंह निवासी सतनाह मध्य प्रदेश ने इस संबंध में पुलिस थाना पांवटा साहिब में शिकायत दर्ज करवाई थी।
शिकायत में श्याम राज ने बताया कि उसकी बेटी दीपाली की शादी 17 फरवरी 2009 को आनंद सिंह के साथ हुई। 26 फवरी 2009 को आनंद उसे चंडीगढ़ अपने क्वार्टर में ले गया, जहां बर्तन आदि कोई घरेलू सामान न होने पर उसने 40 हजार रुपए आनंद को दिए।
इस दौरान आनंद उसकी बेटी पर पाबंदियां लगाकर उसे तंग करने लगा। यही नहीं मानसिक रूप से प्रताडि़त भी करता रहा। 25 मई 2009 को आनंद उसकी बेटी दीपाली को सतना में छोड़ कर चला गया।
इसके बाद आनंद ने दीपाली की कोई खबर नहीं ली। इसके बाद दीपाली ने बद्दी में नौकरी करना शुरू कर दी, लेकिन इसके बाद 24 जून 2010 को आनंद दीपाली को बद्दी से पांवटा साहिब अपने क्वार्टर ले गया।
आनंद यहां निजी कंपनी में नौकरी कर रहा था। 25 जून 2010 को जब आनंद ड्यूटी गया, तो दीपाली ने अपने पिता को फ़ोन करके बताया कि आनंद ने उसके साथ दुव्यर्वहार और प्रताडि़त किया। उसी दिन आनंद ने भी इसे फोन करके बताया कि दीपाली ने आत्महत्या कर ली है।
शिकायत के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। मामले में तफ्तीश तत्कालीन थाना प्रभारी बीडी भाटिया ने की। इस दौरान दीपाली को घर में पंखे से लटका पाया। मृतका का पांवटा साहिब अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया।
पुलिस ने आनंद के कमरे के पास लगते खेत से गत्ते के फाड़े हुए टुकड़े बरामद किए। इस पर दीपाली ने सुसाइड नोट लिखा था। मामले में कुल 18 गवाह पेश हुए। इसके बाद बुधवार को दोषी को उपरोक्त सजाएं सुनाई गई।