कांग्रेस राज में स्कूल बना राजनीति का मंच, एबीवीपी ने जताया कड़ा विरोध
शिक्षा नहीं, नारेबाज़ी में व्यस्त है सरकार: मनीष बिरसांटा का आरोप
शिमला। कांग्रेस सरकार पर शिक्षा की अनदेखी का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कड़ा विरोध जताया है। संगठन के प्रदेश सह मंत्री मनीष बिरसांटा ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता बच्चों की पढ़ाई नहीं, बल्कि राजनीति है।
उन्होंने शिलाई के एक सरकारी स्कूल में कांग्रेस के मंडल अध्यक्ष द्वारा बच्चों से “कांग्रेस ज़िंदाबाद” के नारे लगवाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मनीष ने कहा, “स्कूल विद्या के मंदिर हैं, इन्हें राजनीति का मंच बनाना कांग्रेस की नीच मानसिकता को दर्शाता है।”
उन्होंने सिरमौर के चाढ़ना गांव का भी ज़िक्र किया, जहां 10वीं और 12वीं के सभी छात्र परीक्षा में फेल हो गए। इसका मुख्य कारण वर्षों से शिक्षकों की नियुक्ति न होना बताया गया। एबीवीपी ने कई बार सरकार से अध्यापक नियुक्त करने की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बिरसांटा ने कहा कि यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सरकार मूकदर्शक बनी हुई है और स्कूलों की दुर्दशा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
एबीवीपी ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने शिक्षा को प्राथमिकता नहीं दी और रिक्त पदों पर शिक्षक जल्द नियुक्त नहीं किए, तो परिषद आंदोलन शुरू करेगी।
“स्कूलों को राजनीति से मुक्त करें और शिक्षा को सम्मान दें, वरना विद्यार्थी परिषद संघर्ष करेगी।” – मनीष बिरसांटा