“धार्मिक भावनाओं का सम्मान होगा, लेकिन जान की कीमत पर नहीं” – SDM पांवटा साहिब गुंजीत सिंह चीमा
ग्वाली पंचायत का दर्दनाक हादसा, सुरक्षा पर उठे सवाल
पांवटा साहिब। रविवार को यमुना किनारे ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। शिलाई की ग्वाली पंचायत के तीन युवक नहाने के लिए नदी में उतरे और देखते ही देखते लहरों में समा गए।
हरिद्वार से लौटते वक्त युवकों ने मां यमुना में स्नान करने का फैसला लिया। अमित और राजेंद्र पानी में उतरे, लेकिन अचानक गहरे पानी की ओर बहने लगे। दोनों को बचाने के लिए कमलेश भी कूद पड़ा, मगर तेज धारा उसे भी अपने साथ खींच ले गई।
उनके साथ आए लोगों ने चीख-चिल्लाकर मदद मांगी। करीब 15 मिनट तक रस्सी और डंडों से बचाने की कोशिश होती रही, लेकिन तीनों की जान नहीं बच सकी।

मौके पर पहुंची प्रशासन और गोताखोरों की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद शवों को बाहर निकाला। गांव में जब शव पहुंचे तो मातम छा गया। परिवार और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यमुना किनारे हर साल हजारों लोग स्नान और धार्मिक पर्व मनाने आते हैं, लेकिन वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं। न रेलिंग है, न रस्सियों का सहारा। हादसे के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से स्थायी सुरक्षा व्यवस्था की मांग उठाई है।
पांवटा साहिब के एसडीएम गुंजित सिंह चीमा ने कहा कि यमुना नदी आस्था का केंद्र है। यहां गणपति विसर्जन, छठ पूजा और अन्य पर्व मनाए जाते हैं। लेकिन उन्होंने साफ चेताया—
“धार्मिक भावनाओं का सम्मान होगा, मगर जान की कीमत पर नहीं। हर साल किसी परिवार को अपने बच्चों की बलि नहीं देनी चाहिए। अब प्रशासन ठोस कदम उठाएगा।”
ग्रामीण भी यही चाहते हैं – श्रद्धा बनी रहे, मगर सुरक्षा के साथ।